3.83 करोड़ किसानों से पूछा- कैसे थे तीनों कृषि कानून? 86% ने कहा- अच्छे थे
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कृषि कानूनों से जुड़े मामले सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है. इस रिपोर्ट में सामने आया है कि 73 में से 61 किसान संगठन कृषि कानूनों के समर्थन में थे.
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के करीब चार महीने बाद सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 12 जनवरी को तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी. उसी कमेटी से जुड़े अनिल घनवट ने ये रिपोर्ट सार्वजनिक की है. कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 73 किसान संगठनों में से 61 कृषि कानूनों के समर्थन में थे. हालांकि, इसमें दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान संगठन शामिल नहीं हैं.
तीन सदस्यों की कमेटी ने पिछले साल 19 मार्च को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी. कमेटी के सदस्यों ने तीन बार इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को नहीं माना. अब इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने वाले अनिल घनवट का कहना है कि अगर इस रिपोर्ट को पहले सार्वजनिक कर दिया जाता तो किसानों को इन कृषि कानूनों से होने वाले फायदों के बारे में पता चल सकता.
घनवट ने कहा कि किसानों के कुछ गुट के आंदोलन की वजह से देश के बहुत सारे किसान इन कानूनों के फायदों से वंचित रह गए. उन किसानों ने अपनी आवाज उठाने की बजाय चुप रहना मंजूर किया और उन्हें अपनी चुप्पी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
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रिपोर्ट में दावा- 86% किसान कानूनों के समर्थन में
- सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी ने 73 किसान संगठनों से बात की थी. इन संगठनों में 3.83 करोड़ किसान जुड़े थे.
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