
27590 तक जाएगा Nifty... एक्सपर्ट ने कहा, ये शेयर कराएंगे दमदार कमाई!
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पीएल कैपिटल ने इससे पहले निफ्टी को लेकर 27,041 का टारगेट रखा था, जिसे अब बढ़ा दिया है. यह तेजी घरेलू स्तर पर बिजनेस बेहतर होने, सेक्टर्स में अच्छी ग्रोथ और पॉलिसी को लेकर लगातार सपोर्ट के कारण आ सकती है. पीएल कैपिटल ने अगले 12 महीने का टारगेट 25,521 कर दिया है.
शेयर बाजार में शुक्रवार को शानदार तेजी आई है. जबकि मंडे को स्टॉक में हॉलिडे है. इस बीच, ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लिलाधर (PL Capital) ने अनुमान लगाया है कि निफ्टी में शानदार तेजी आ सकती है और यह 27590 तक जा सकता है. ब्रोकरेज फर्म ने लॉन्ग टर्म में भारतीय मार्केट को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है. निफ्टी के लॉन्ग टर्म EPS अनुमान 1,460 रुपये रखा है.
पीएल कैपिटल ने इससे पहले निफ्टी को लेकर 27,041 का टारेगेट रखा था, जिसे अब बढ़ा दिया है. यह तेजी घरेलू स्तर पर बिजनेस बेहतर होने, सेक्टर्स में अच्छी ग्रोथ और पॉलिसी को लेकर लगातार सपोर्ट के कारण आ सकती है. पीएल कैपिटल ने अगले 12 महीने का टारगेट 25,521 कर दिया है, जो पहले 25,689 था. ब्रोकरेज ने कहा, 'टारगेट में कटौती, ग्लोबल और घरेलू मैक्रोइकोनॉमिक चैलेंज के कारण है. इसके अलावा, US-China टैरिफ वॉर का भी इम्पैक्ट पड़ा है.
डॉउनसाइड की ओर कहां जा सकता है निफ्टी? ब्रोकरेज ने कहा कि जियोपॉलिटिकल टेंशन, अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर ग्लोबल इकोनॉमी के लिए टेंशन हैं. ऐसे में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर संघर्ष कर सकते हैं. गिरावट के नजरिए को देखें तो लॉन्ग टर्म में डाउनसाइड की ओर निफ्टी 24,831 स्तर पर रह सकता है.
ब्रोकरेज ने कहा कि भारतीय बाजारों में YTD में 3.8% की गिरावट देखी गई है, क्योंकि व्यापक आर्थिक अनिश्चितता भावना पर भारी पड़ रही है. FII की बिकवाली, उम्मीद से कम घरेलू मांग और आय में गिरावट के साथ मिलकर निराशा को और बढ़ा दिया है. पीएल कैपिटल ने बताया कि अक्टूबर 2024 से FY26 और FY27 के लिए निफ्टी ईपीएस अनुमानों में क्रमशः 6.2% और 5.6% की कटौती की गई है. जबकि महंगाई में गिरावट आई है. वहीं आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कमी की गई है.
जीडीपी ग्रोथ में आएगी कमी इन कमजोर संकेतकों के जवाब में, RBI ने FY26 के GDP विकास अनुमान को 20 आधार अंकों से कम कर दिया है, जिससे आने वाले वर्ष के लिए सतर्क नजरिए को मजबूती मिली है. पीएल कैपिटल के विश्लेषकों का अनुमान है कि सभी सेक्टर्स को मिलाकर कुल बिक्री में 5% की ग्रोथ होगी, लेकिन EBITDA में मामूली 0.5% की गिरावट और टैक्स से पहले लाभ (PBT) में 2.2% की गिरावट मार्जिन दबाव और कमजोर मुनाफे को दर्शाती है.
इन सेक्टर्स पर रखें फोकस दूरसंचार, AMC, ट्रैवेल, EMS, मेटल, हॉस्पिटल, फार्मा और टिकाऊ वस्तुओं के लाभ में ग्रोथ की उम्मीद है, जबकि बैंक, निर्माण सामग्री, रसद और तेल और गैस में PBT में गिरावट की संभावना है. इस बीच, IT, कज्यूमर, सीमेंट और कैपिटल गूड्स सेक्टर्स में केवल मामूली बढ़ोतरी की उम्मीद है.

अगर कोई 1 लाख रुपये या उससे कम का अमाउंट क्लेम करता था तो एडवांस क्लेम के तहत ऑटोमैटिक तरीके से यह अमाउंट मंजूर हो जाती थी, लेकिन अगर 1 लाख रुपये से ज्यादा का अमाउंट है तो उसके लिए मैन्युअल जांच की आवश्यकता होती थी, जिससे ये प्रॉसेस बहुत लंबा हो जाता था. हालांकि अब ये लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दी गई है.