2700 किलोमीटर पैदल घूमने वाले युवा ने क्या-क्या देखा
BBC
कोरोना लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने ज़िंदगी के अलग मायने समझे. यति गौड़ भी उनमें से एक हैं. पर उनके पैदल घूमने के पीछे का मक़सद क्या है.
यति गौड़ के ज़्यादातर हमउम्र अपने लक्ष्य तक पहुँचने की जल्दी में दिखते हैं. लेकिन 24 साल के गौड़ के मुताबिक़ उन्हें मंज़िल से ज़्यादा रास्ते से प्यार है. ये प्यार इतना ज़्यादा है कि वो पिछले एक साल में 2700 किलोमीटर से ज़्यादा पैदल चल चुके हैं. यति ने एक सितंबर से उत्तर-पूर्व की यात्रा शुरू की है. उनका इरादा अगले तीन महीने में 1800 किलोमीटर से ज़्यादा पैदल चलने का है. इस दौरान वो सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल की सैर करेंगे. गौड़ पिछले एक साल में हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड राज्यों को अपने पैरों से नाप चुके हैं. कोविड-19 ने बहुत सारे लोगों में कई तरह के नए-नए शौक़ पैदा किए हैं. पिछले साल लॉकडाउन में ही यति गौड़ को भी एक नया शौक़ पैदा हुआ. बीबीसी से बातचीत में वो कहते हैं, "सात महीने में मेरा दिमाग़ चाहरदीवारी में बंद हो गया था. फिर मुझे लगा कि अब और मुझसे नहीं होगा. पिछले साल अगस्त में जैसे ही उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों को आने की इजाज़त दी, मैंने घरवालों से कहा कि मैं ऋषिकेश जा रहा हूं." महीना भर ऋषिकेश में रहने के बाद यति को केदारनाथ जाने की सूझी. कुछ रोमांच की चाह और कुछ पैसे बचाने का ख़्याल. वो एक सितंबर 2020 को पैदल ही निकल पड़े और आठवें दिन ख़ुद को केदारनाथ मंदिर के सामने पाया. यति दर्शन के इस पल को अपनी ज़िंदगी के सबसे शानदार लम्हों में से एक बताते हैं. लेकिन उनके क़दम यहीं नहीं रुके. इसके बाद यति हिमाचल प्रदेश और राजस्थान भी पैदल चलकर ही घूम आए.More Related News