'24 दिसंबर तक मराठा आरक्षण नहीं दिया तो...', मनोज जरांगे का अल्टीमेटम
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मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन की मांग उठाई है. इसके लिए वह भूख हड़ताल पर रहे. इसके बाद सरकार ने मनोज की कुछ मांगें मान ली थी. अब मनोज जरांगे ने नया अल्टीमेटम दिया है.
सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को मराठा आरक्षण पर अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर तक अगर मराठा आरक्षण की मांग पूरी नहीं हुई तो फिर वो उन नेताओं के नाम उजागर कर देंगे, जो बरसों से इसके खिलाफ रहे हैं.
मनोज जरांगे ने कहा कि कई मराठा नेताओं ने उनके समुदाय के लिए कोटे को समर्थन नहीं दिया था. इसके साथ-साथ ओबीसी नेताओं की तरफ से भी पिछले 30-40 साल से सरकार पर प्रेशर बनाया गया कि ये कोटा ना दिया जाए.
जरांगे फिलहाल एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती हैं. पिछले हफ्ते भूख हड़ताल खत्म करने के बाद से जरांगे वहीं हैं. उन्होंने कहा कि मराठा और दूसरे पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोग कुछ नेताओं के भड़काऊ बयानों से प्रभावित नहीं होंगे.
जरांगे ने आगे कहा, 'अगर हमें 24 दिसंबर तक आरक्षण नहीं दिया गया तो हम उन नेताओं के नाम सार्वजनिक कर देंगे जिन्होंने मराठा आरक्षण को मिलने से रोके रखा.'
बता दें कि जरांगे की मांग है कि मराठा समुदाय को राज्य में ओबीसी के तहत आरक्षण दिया जाए. जरांगे की भूख हड़ताल के बाद महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि इस बात का अध्ययन करवाया जाएगा कि मराठा समुदाय को कुनबी सर्टिफिकेट दिया जा सकता है या नहीं. जरांगे की मांगों के बीच महाराष्ट्र में सर्वदलीय बैठक भी हुई थी. इसमें शामिल सभी पार्टियों ने मराठा आरक्षण का समर्थन किया था. इस बीच 2 नवंबर को मनोज जरांगे ने अनशन खत्म कर दिया था. वह पूरे 9 दिन तक अनशन पर रहे थे.
बता दें कि NCP नेता (अजित पवार गुट) छगन भुजबल इसका विरोध जता चुके हैं. उन्होंने कहा कि 'पीछे के रास्ते' से मराठा समुदाय को आरक्षण देने की कोशिश का विरोध किया जाएगा.