2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी, सपा के 'वोटबैंक' को रिझाने के लिए BJP ने बनाया ये प्लान
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यूपी में यादव अब भी समाजवादी पार्टी का कोर वोटर है. वहीं बीजेपी ने अब लोकप्रिय यादव चेहरों को अपनी ओर करने का प्लान किया है. इसके लिए एमएलसी चुनाव में बीजेपी ने तीन यादव नेताओं को टिकट भी दिया था.
पूर्ण बहुमत पाकर उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी कर चुकी बीजेपी ने अब मिशन 2024 के लिए तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए पार्टी की नजर उस यादव वोट बैंक पर भी है जिसे अब तक प्रदेश में समाजवादी पार्टी का मूल वोट बैंक माना जाता रहा है. इसके लिए अब पार्टी ने अपनी यादव ब्रिगेड को तैयार करने के काम पर अमल शुरू कर दिया है जिनके जरिए 2024 से पहले यादव, खास तौर पर युवा यादव वोटरों तक पहुंचने का लक्ष्य पार्टी ने बनाया है.
कहते हैं कि बीजेपी ऐसी पार्टी है जो एक चुनाव के बाद दूसरे चुनाव की तैयारी शुरू कर देती है. यूपी चुनाव के नतीजों से उत्साहित बीजेपी ने अब आगे के लिए रोड मैप बनाना शुरू कर दिया है. इस चुनाव के नतीजों की समीक्षा में ये बात सामने आयी है कि जहां दूसरे वर्ग के लोगों ने बीजेपी को पहली पसंद के तौर पर वोट दिया है वहां यादव अब भी समाजवादी पार्टी के कोर वोटर (core voter) हैं. बीजेपी ने अब अपनी 'यादव नेताओं को फौज' को आगे करने की रणनीति बनायी है. इसके लिए उन चेहरों को भी चुना गया है जिनकी लोकप्रियता युवाओं के बीच है और उन युवा नेताओं को भी पार्टी मौका दे रही है जो पार्टी कैडर से निकले यादव नेता हैं या किसी तरह पार्टी की रणनीति में फिट बैठते हैं. हाल ही में हुए विधानपरिषद चुनाव में पार्टी ने तीन यादवों को टिकट देकर इस रणनीति की झलक दे दी है.
MLC चुनाव में सपा के यादव Vs बीजेपी के यादव
विधानपरिषद की 36 सीटों में से बीजेपी ने जहां रमाकान्त यादव के बेटे अरुण यादव को आजमगढ़ से टिकट दिया. वहीं यादव बेल्ट के एटा-मैनपुरी सीट पर आशीष यादव 'आशु' को प्रत्याशी बनाया. आशीष यादव 'आशु' विधानपरिषद के पूर्व सभापति रमेश यादव के बेटे हैं. समाजवादी रमेश यादव मुलायम परिवार में खटास के साथ ही शिवपाल यादव की तरफ हो गए और सपा के वर्तमान नेतृत्व से उनकी दूरी बढ़ती गयी. ऐसे में उनके बेटे को बीजेपी से विधानपरिषद के टिकट ने लोगों को चौंकाया लेकिन इसके पीछे पार्टी का ये प्रयोग था कि यादव बेल्ट से उन्हीं की पार्टी में रहे यादव नेता को लड़ाया जाए. आशीष यादव 'आशु' ने बीजेपी के उमम्मीदवार के तौर पर यादव बेल्ट की सीट से जीत दर्ज की.
रमाकांत के बेटे को भी बनाया प्रत्याशी
बीजेपी के दूसरे यादव प्रत्याशी रहे अरुणकांत यादव. रमाकान्त यादव के बेटे अरुणकांत यादव को भी बीजेपी ने आजमगढ़ जैसी महत्वपूर्ण सीट और सपा के गढ़ से टिकट दिया. हालांकि अरुणकांत यादव चुनाव हार गए और बीजेपी के ही एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह रिशु ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अरूणकांत को हराया. लेकिन अरुणकांत के बहाने पार्टी में सपा के गढ़ में ‘यादव’ को ही आगे करने का दांव चला.
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