![2019 में भारत में प्रदूषण के कारण दुनिया में सर्वाधिक 23.5 लाख से अधिक लोगों की मौत: लांसेट अध्ययन](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/05/dead-tree-is-seen-in-a-polluted-mangrove-area-Reuters.jpg)
2019 में भारत में प्रदूषण के कारण दुनिया में सर्वाधिक 23.5 लाख से अधिक लोगों की मौत: लांसेट अध्ययन
The Wire
‘द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में साल 2019 में भारत में सभी प्रकार के प्रदूषण के कारण 23.5 लाख से अधिक मौतें समय से पहले हुई हैं, जिसमें वायु प्रदूषण के कारण 16.7 लाख मौतें शामिल हैं. वैश्विक स्तर पर हर साल होने वालीं 90 लाख मौत के लिए सभी प्रकार का प्रदूषण ज़िम्मेदार है.
नई दिल्ली/वॉशिंगटन: एक नए अध्ययन में इस बात की जानकारी सामने आई है कि साल 2019 में भारत में सभी प्रकार के प्रदूषण के कारण 23.5 लाख से अधिक मौतें समय से पहले (Premature) हुई हैं, जिसमें वायु प्रदूषण के कारण 16.7 लाख मौतें शामिल हैं. विश्व स्तर पर सभी देशों में यह आंकड़ा सर्वाधिक है.
‘द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि वायु प्रदूषण से संबंधित अधिकांश मौतें – 9.8 लाख – भारत में पीएम 2.5 कणों के प्रदूषण के कारण हुईं. पीएम 2.5 हवा में शामिल ऐसे छोटे प्रदूषण कण होते हैं, जो ढाई माइक्रॉन या उससे कम चौड़ाई के होते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इनका कहना है कि अन्य 6.1 लाख मौतों के लिए घरेलू वायु प्रदूषण जिम्मेदार है.
अध्ययन में दावा किया गया है कि वैश्विक स्तर पर हर साल होने वाली 90 लाख मौतों के लिए सभी प्रकार का प्रदूषण जिम्मेदार है तथा वाहनों और उद्योगों के धुएं के कारण हुए वायु प्रदूषण की वजह से मरने वालों की संख्या 2000 के बाद से 55 प्रतिशत बढ़ गई है.