2018-20 के दौरान दलितों के खिलाफ अत्याचार के 1.3 लाख से अधिक मामले, यूपी, बिहार लिस्ट में ऊपर
ABP News
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में 3 सालों में अनुसूचित जातियों (SC) के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 36,467 केस दर्ज हुए, इसके बाद बिहार (20,973 मामले), राजस्थान में 18,418 मामले दर्ज किए गए.
देश में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. सबसे ज्यादा इस तरह के मामले यूपी, बिहार और राजस्थान से सामने आए हैं. सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि 2018 और 2020 के बीच अलग-अलग राज्यों में दलितों के खिलाफ अपराध के तहत लगभग 139,045 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 50,291 तो अकेले पिछले साल दर्ज किए गए हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 3 सालों में अनुसूचित जातियों (SC) के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 36,467 मामले दर्ज हुए, इसके बाद बिहार (20,973 मामले), राजस्थान (18,418) और मध्य प्रदेश (16,952) मामले दर्ज किए गए.
द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, जिन राज्यों में दलितों के खिलाफ सबसे कम अपराध दर्ज किए गए, उनमें पश्चिम बंगाल तीन साल में केवल 373 मामले थे, पंजाब (499 मामले), छत्तीसगढ़ (921) और झारखंड (1,854). हालांकि, कुछ कार्यकर्ताओं ने इन राज्यों पर प्रशासनिक विफलताओं का आरोप लगाया जिसके चलते कथित रूप से कई दलित पीड़ित शिकायत तक दर्ज नहीं करा सके. दलितों के खिलाफ अपराध के मामले 2019 में 45,961 और 2018 में 42,793 थे. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि 2020 में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (पीओए) अधिनियम के खिलाफ अत्याचार रोकथाम के तहत 53,886 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले साल में 49,608 थे.