2012-2019 के बीच उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या में क़रीब 2 लाख की वृद्धि: केंद्र सरकार
The Wire
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय लोकसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या 2012 में 10,09,436 थी, जो 2019 में बढ़कर 11,84,494 हो गई. राज्य के चित्रकूट ज़िले में इनकी संख्या सबसे अधिक है. इसके बाद क्रमश: महोबा, गोंडा, हरदोई और बांदा का नंबर आता है.
नई दिल्ली: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की संख्या 2012 में 10,09,436 से बढ़कर 2019 में 11,84,494 हो गई.
जिलेवार आंकड़ों के अनुसार, चित्रकूट जिले में सबसे अधिक 68,813 आवारा पशुओं की संख्या दर्ज की गई, इसके बाद महोबा में 61,765, गोंडा में 52,615, हरदोई में 48,173 और बांदा में 47, 658 की संख्या दर्ज की गई. सरकार के पास राज्य के सभी 75 जिलों की सूचना उपलब्ध है.
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बीते 8 फरवरी को लोकसभा में भाजपा सांसद लल्लू सिंह, बृजभूषण शरण सिंह, देवेंद्र सिंह भोले और संगम लाल गुप्ता द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी.
सांसदों ने पूछा था, ‘क्या सरकार उत्तर प्रदेश राज्य में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या से संबंधित प्रमुख समस्याओं से अवगत है?’ उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आवारा मवेशियों से निपटने के लिए किए गए पुनर्वास उपायों और इसके लिए आवंटित बजट के बारे में भी पूछा था.