2007 हेट स्पीच मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की याचिका ख़ारिज की
The Wire
साल 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2007 में गोरखपुर और आसपास के ज़िलों में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने के आरोप में अपने ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक अपील को खारिज कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2007 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण (Hate Speech) देने के लिए अपने खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. साल 2007 में जब योगी आदित्यनाथ के खिलाफ यह आरोप लगा था, उस समय वह गोरखपुर के सांसद थे.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने बुधवार (बीते 24 अगस्त) को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि इस मामले में मंजूरी देने से इनकार करने पर चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है.
पीठ ने कहा, ‘मंजूरी से जुड़े कानूनी प्रश्नों को किसी उपयुक्त मामले से निपटने के लिए खुला रखा जाएगा.’
याचिकाकर्ता परवेज परवाज ने उत्तर प्रदेश सरकार के 3 मई, 2017 के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें योगी को तब तक मुख्यमंत्री और कार्यकारी प्रमुख होने का दावा करते हुए मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया गया था. उन्होंने सवाल किया था कि क्या वह योगी इस मामले की मंजूरी प्रक्रिया में भाग ले सकते थे.