2004 के फॉर्मूले से 2024 फतह करने की तैयारी? विपक्ष की महाबैठक में कांग्रेस का प्लान
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बीजेपी समर्थित एनडीए हो या कांग्रेस समर्थित यूपीए. दोनों के लिए ही 18 जुलाई का दिन अहम है. जहां विपक्ष बेंगलुरु में विपक्ष की बड़ी बैठक होनी है तो दिल्ली में NDA के भी सभी 38 दल इस बैठक में शामिल होंगे. भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस इस बार 2004 के अपने फॉर्मूले को दोहरा सकती है.
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. भाजपा समर्थित NDA हो, या कांग्रेस समर्थिक UPA दल. भाजपा के खिलाफ विपक्ष की पूरी रणनीति, ये बैठक ऐसे वक्त में रखी गई है, जब संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने जा रहा है. माना जा रहा है कि संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी एकता की मिसाल देखने को मिल सकती है. विपक्षी दलों के इस महाजुटान को इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि पहली बार यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी इस तरह की कवायद में खुद को शामिल कर रही हैं और उसे लीड करने की कोशिश के तौर पर आगे बढ़ी हैं.
उनके नेतृत्व करने से सहयोगी दलों के भीतर चल रहे मनमुटाव या शंकाओं का समाधान हो सकता है. दूसरी बात, शरद पवार और ममता बनर्जी समेत जो नेता राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार करने में असहजता महसूस कर रहे हैं, वो खुलकर सोनिया के साथ कदमताल कर सकते हैं. विपक्षी दलों के कई नेताओं के साथ सोनिया गांधी के अच्छे रिश्ते रहे हैं.
विपक्ष की एकजुटता से सधेगा 2024 का खेल?
2024 की लड़ाई कितनी तगड़ी होने वाली है, बेंगलुरु में जुट रहे विपक्ष की तस्वीरें उसकी गवाही दे रही हैं. लोकसभा चुनाव में अब 8-9 महीने का वक्त बचा है और चुनावी घमासान के लिए पाला तैयार हो चुका है. एक तरफ विपक्ष अपना कुनबा बढ़ा रहा है और बीजेपी भी एनडीए का विस्तार कर रही है. सबसे पहले बेंगलुरु में एक जुट होने वाले विपक्षी दलों की पूरी लिस्ट पर नजर डाल लेते हैं.
1- कांग्रेस
2- टीएमसी
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