
200 से विदेशी कार्यकर्ताओं ने कहा- सरकार कृषि क़ानून रद्द करें, ताकि किसान कोरोना बच सकें
The Wire
कनाडा, अमेरिका एवं अन्य जगहों के 200 से अधिक शिक्षाविदों, ट्रेड यूनियन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पत्र लिखकर किसानों की मांगों को समर्थन करते हुए कहा है कि कृषि क़ानून रद्द करने के साथ-साथ सभी राजनीतिक बंदियों को भी रिहा किया जाए.
नई दिल्ली: कनाडा, अमेरिका एवं अन्य जगहों के 200 से अधिक शिक्षाविदों, ट्रेड यूनियन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भारत में चल रहे किसानों आंदोलन का समर्थन करते हुए एक बयान पर हस्ताक्षर किए हैं और महामारी पर विशेषज्ञों की चेतावनी को नजरअंदाज कर अपने चुनावी एजेंडा को प्राथमिकता देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है. इन हस्ताक्षरकर्ताओं ने मांग की है कि पिछले साल सितंबर महीने में पारित किए गए विवादित कानूनों को तत्काल निरस्त किया जाए, ताकि आंदोलनकारी किसान अपने घरों को लौट सकें और खुद को कोरोना वायरस से बचा सकें. इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की है, जिसमें से कुछ कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं और इनका टीकाकरण भी नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि वे सुनिश्चित करें कि इस भयावह महामारी का भार गरीब एवं हाशिए पर पड़े लोगों पर नहीं पड़ेगा.More Related News