200 वाइस चांसलरों और शिक्षाविदों ने राहुल गांधी के खिलाफ लिखी खुली चिट्ठी, कानूनी कार्रवाई की मांग
AajTak
राहुल गांधी ने यूनिवर्सिटी के प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया की लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कुछ संगठनों में वाइस चांसलर्स की नियुक्ति योग्यता को ताक पर रखकर की जा रही है. लेकिन इन यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों और अन्य वरिष्ठ शिक्षाविदों ने इस आरोप का खंडन किया है.
लोकसभा चुनाव के तहत मंगलवार को होने जा रहे तीसरे चरण के मतदान से पहले देशभर की कई यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ खुली चिट्ठी लिखी है.
इस चिट्ठी में राहुल गांधी के एक बयान को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. ये चिट्ठी देशभर की लगभग 200 यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स और शिक्षाविदों ने लिखी है. इस चिट्ठी में राहुल गांधी के आरोपों की निंदा की गई है.
इस पत्र में कहा गया है कि एक ट्वीट से ये हमारे संज्ञान में आया है कि यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स की नियुक्ति कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जाती है ना कि योग्यता के आधार पर. इससे वाइंस चांसलर्स की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए गए हैं. हम इस तरह के दावों को सिरे से खारिज करते हैं.
उन्होंने कहा है कि कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से योग्यता के आधार पर हो रही है. कुलपति अपने कामकाज में संस्थाओं की मर्यादा और नैतिकता का ध्यान रखते हैं. अगर ग्लोबल रैंकिंग के हिसाब से देखें तो भारतीय विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है.
पत्र में कहा गया है कि जिस प्रक्रिया के तहत वाइस चांसलर्स का चुनाव किया जाता है. वह बेहद सख्त और पारदर्शी है.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.