
18-29 साल की 25 फ़ीसदी महिलाओं, 21-29 साल के 15 फ़ीसदी पुरुषों का तय उम्र से पहले विवाह: रिपोर्ट
The Wire
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, क़ानूनी उम्र से पहले महिलाओं के विवाह के संबंध सबसे ख़राब स्थिति पश्चिम बंगाल की है, जहां ऐसी स्त्रियों की संख्या 42 फ़ीसदी है. सबसे बेहतर स्थिति लक्षद्वीप की है, जहां महज़ चार फ़ीसदी महिलाओं का विवाह 18 साल की आयु से पहले हुआ है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) द्वारा कम उम्र में होने वाले विवाह के संबंध में 2019 से 2021 के बीच किए गए ताजा सर्वेक्षण में कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार, 2019-21 के दौरान 18 से 29 साल उम्र की विवाहित महिलाओं में से 25 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जिनका विवाह भारत में कानूनी रूप से तय विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से पहले हुआ. ऐसे ही 21 से 29 साल आयु के कानूनी उम्र 21 साल से पहले विवाह करने वाले पुरुषों की संख्या 15 प्रतिशत थी.
देश में फिलहाल स्त्रियों के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष है, लेकिन सरकार दोनों ही के लिए विवाह की न्यूनतम वैधानिक आयु को 21 वर्ष करने की योजना बना रही है.
एनएफएचएस-5 के अनुसार, अगर कानूनी उम्र से पहले महिलाओं के विवाह के संबंध में राज्यों की स्थिति पर बात करें तो सबसे खराब स्थिति पश्चिम बंगाल की है, जहां ऐसी स्त्रियों की संख्या 42 फीसदी है, वहीं बिहार में यह 40 फीसदी, पूर्वोत्तर भारत के राज्य त्रिपुरा में 39 फीसदी, झारखंड में 35 और आंध्र प्रदेश में 33 फीसदी है.