18 दिन पहले ही गया था कुवैत, हादसे से मां बेखबर..., जॉब करने गए रांची के युवक की भी गई जान
AajTak
कुवैत के मुंगाफ में छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में मरने वाले पचास लोगों में 45 भारतीय भी हैं, जिनके शव भारत आ गए हैं. ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी थी.
कुवैत की छह मंजिला इमारत में लगी आग में 45 भारतीयों की मौत हुई है. इन भारतीयों के शव आज विशेष विमान से स्वदेश लाए गए हैं. बिल्डिंग में लगी भीषण आग में मरने वालों में रांची का एक शख्स अली हुसैन भी है.
अली हुसैन के परिवार में इस समय मातम छाया हुआ है. उनके पिता का कहना है कि मौत उनके बेटे को खींचकर उनसे दूर ले गई. झारखंड के रांची के रहने वाले 24 साल के अली 18 दिन पहले ही कुवैत गए थे. अली के पिता मोहम्मद मुबारक हुसैन का कहना है कि ऐसा लगता है कि मौत ने उनके बेटे को छीन लिया है.
अली के परिवार में उसका एक भाई और बहन भी है. उसका भाई आदिल मक्का में रहता है. पिता का कहना है कि वो नहीं चाहते थे कि अली नौकरी करने किसी और मुल्क जाए. लेकिन अली की कुवैत जाकर नौकरी करने की जिद थी.
मां को नहीं पता बेटे की मौत की खबर
अली के पिता का कहना है कि अभी ये खबर अली की मां को नहीं बताई गई है. पिता का कहना है कि अली बड़े अरमानों के साथ कुवैत गया था लेकिन 18 दिन बाद उसका शव लौटा है.
अली के चाचा का कहना है कि उनका भतीजा हर रोज कॉल करता था. आखिरी बार दो दिन पहले ही परिवार की उससे बात हुई थी. जब हमें कुवैत की बिल्डिंग में आग की खबर मिली.
महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन चल रहा है. वहीं दूसरी ओर परिणाम को लेकर विपक्षी दलों का हमला थम नहीं रहा. कांग्रेस, शिवसेना, उद्धव गुट और एनसीपी शरद पवार गुट इन परिणाम को अविश्वसनीय बता रहे हैं. संजय राउत ने पूर्व CJI चंद्रचूड़ को चुनावी परिणाम के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया. देखें VIDEO
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका, ब्रिटेन और नैटो देशों को परमाणु बम का इस्तेमाल करने की चेतावनी दी है. यूक्रेन युद्ध में रूस ने पहली बार मध्यम दूरी की सुपर हाइपर सुपरसोनिक मिसाइल का प्रयोग किया. पुतिन का दावा है कि दुनिया का कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम इस मिसाइल को नहीं रोक सकता. देखें VIDEO
महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों के बाद असली शिवसेना और एनसीपी के विवाद का समाधान होने की उम्मीद है. बाल ठाकरे की शिवसेना और बीजेपी की साझेदारी के बावजूद, उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी को मजबूती से जीत नहीं दिला सके. उनके राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. उद्धव और शरद पवार के साथ कांग्रेस की सीटें जोड़ने पर भी शिंदे की शिवसेना आगे है. यह चुनाव नतीजे महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बना सकते हैं.