165 साल पुरानी सुरंग में घुसा शख्स, फिर अंदर ही फंसा! VIDEO देख लोगों के छूटे पसीने
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वीडियो के शुरुआत में एक खोजकर्ता चट्टानों और रेत से भरी एक छोटी सुरंग में उतरता हुआ दिखाई देता है. वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता है. ये सुरंग काफी संकरी दिखती है. वो इतनी छोटी है कि शख्स को देख कई बार लगता है कि वो अंदर ही फंस जाएगा.
एडवेंचर के नाम पर लोग कुछ भी खतरनाक करने से पीछे नहीं हटते. कुछ ऐसा ही इस शख्स ने किया. इसका वीडियो जब सामने आया, तो उसे देख लोगों के पसीने छूट गए. इसमें एक शख्स को संकीर्ण सुरंग के भीतर जाते हुए देखा जा सकता है. अंदर जगह इतनी कम होती है कि ऐसा लगता है, मानो शख्स अंदर ही फंस गया हो. इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर undergroundbirmingham नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. इसे अभी तक 66 हजार से अधिक लोगों ने देख लिया है.
वीडियो के शुरुआत में एक खोजकर्ता चट्टानों और रेत से भरी एक छोटी सुरंग में उतरता हुआ दिखाई देता है. वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता है. ये सुरंग काफी संकरी दिखती है. वो इतनी छोटी है कि शख्स को देख कई बार लगता है कि वो अंदर ही फंस जाएगा. उसका शरीर उसमें फंसा हुआ नजर भी आता है. इतनी कम जगह होने के बावजूद भी शख्स आगे बढ़ने का फैसला लेता है. वो अपनी जान को खतरे में डालकर लगातार आगे बढ़ता है. वो इसके लिए आगे की तरफ फिसलने की कोशिश करता है. फिर उसे बाहर निकलने में सफलता भी मिलती है.
हेडलैम्प का इस्तेमाल करते हुए ये शख्स सुरंग के अंदरूनी हिस्से को दिखाता है, जिसमें पक्की कंक्रीट और एक ईंट की दीवार शामिल है. वो इसे एक 'बहुत, बहुत पुरानी' कोयला खदान बताता है. वो कहता है कि ये करीब 165 साल पुरानी है. इसे 1860 के दशक में बनाया गया था. वो लोगों को वीडियो के जरिए इसके अंदर की गहराई भी दिखाता है. जिसे देखकर ऐसा लगता है कि सतह के नीचे सुरंगों का संभावित विशाल नेटवर्क हो सकता है. कई मौकों पर कुछ लोगों को लगता है कि वो गुफा के भीतर ही फंस गया है.
किसी भी सुरंग या गुफा में जाना खतरे से खाली नहीं होता. ये संरचनाएं ऊंची नीची हो सकती हैं. गुफाओं के ढहने, जहरीली गैस के भंडार और बाढ़ का खतरा हो सकता है. सोशल मीडिया यूजर्स इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'मुझे नहीं पता कि तुम लोग ऐसा कैसे करते हो. मुझे तो देखकर ही बेचैनी होती है.' वहीं एक अन्य यूजर लिखता है, 'इसे देखते ही मेरी सांस फूल रही है. उन लोगों को बधाई जिनके पास मनोवैज्ञानिक नियंत्रण और शांति है. मैं अंदर जाने से पहले ही अधिक जगह बनाने के लिए खुदाई कर चुका होता.'
(Disclaimer: ये खबर सोशल मीडिया यूजर के दावे पर बनाई गई है. aajtak.in इनके दावे की पुष्टि नहीं करता है.)
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