'14-14 घंटे जंगलों में चले, पत्तियां खाकर जिंदा रहे...' रूस की जेल से मुक्त होकर लौटे युवकों ने सुनाई आपबीती
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पंजाब और हरियाणा के छह युवक काम की तलाश में विदेश गए थे. ये युवक एजेंट के जरिए यूरोप जाने की कोशिश में थे. उसी दौरान रास्ते में सेना ने पकड़ लिया. इसके बाद रूस के जेल में बंद रहे. इस मामले में राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल के प्रयासों से सभी युवकों की भारत वापसी हो गई है. युवकों ने बताया कि उन्होंने जंगलों में पत्ते खाकर गुजारा किया.
Punjab News: राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से रूस की जेल में फंसे 6 भारतीय युवक अपने घर लौट आए हैं. अपने वतन लौटने के बाद युवाओं ने आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि कैसे सीमा पार करते समय गंभीर यातनाएं दी गईं. भारत वापस लौटे इन 6 युवाओं में पांच पंजाबी और एक हरियाणा का युवक शामिल है. इन युवाओं की उम्र 18 से 24 साल के बीच है.
जानकारी अनुसार, पंजाब और हरियाणा के छह युवक रूस की जेल में बंद थे. ये लोग एजेंट के जरिए काम की तलाश में यूरोप जाना चाहते थे, लेकिन रास्ते में पकड़ लिए गए. युवकों के पकड़े जाने के बाद उनके परिजनों को पता चला तो सरकार से मदद की गुहार लगाई. इस मामले में पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पहल की. उनकी पहल के बाद युवकों को भारत वापस लाया जा सका.
पंजाब के युवाओं में फाजिल्का के बलविंदर सिंह, कपूरथला के गुरमीत सिंह, गुरदासपुर के गुरविश सिंह और हरजीत सिंह तथा जालंधर के लखवीर सिंह और करनाल हरियाणा के राहुल शामिल हैं. इन युवकों का कहना है कि ट्रैवल एजेंट को उनसे 13 लाख रुपये लेकर स्पेन भेजना था. एजेंट उन्हें पहले ओमान ले गया, फिर मॉस्को ले गया. इसके बाद मॉस्को से बेलारूस ले जाया जाना था.
युवक बोले- सेना ने पकड़कर की पिटाई, फिर जंगलों में छोड़ दिया
युवाओं ने बताया कि बेलारूस से जंगलों के रास्ते पैदल चलकर पुर्तगाल और लातविया के रास्ते यूरोप में प्रवेश करना था, लेकिन वहां सेना ने उन्हें पकड़ लिया और जमकर पिटाई की. इसके बाद बेलारूस के जंगलों में छोड़ दिया. युवाओं ने बताया कि उनके पास बहुत कम खाना था. उन्हें 14-14 घंटे तक जंगलों में चलना पड़ता था. जंगल की पत्तियां खाकर और पानी पीकर जीवित रहे. (रिपोर्टः सुकेत गुप्ता)
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