1 दिसंबर से G20 की अध्यक्षता संभालेगा भारत, देश के 100 स्मारक रोशनी से होंगे जगमग
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दिल्ली में हुमायुं का मकबरा और पुराना किला से लेकर गुजरात में मोढेरा सूर्य मंदिर और ओडिशा में कोणार्क सूर्य मंदिर से लेकर बिहार में शेर शाह सूरी का मकबरा तक को 100 स्थलों की सूची में शामिल किया गया है. भारत 1 दिसंबर को जी20 की वार्षिक अध्यक्षता ग्रहण करेगा.
भारत 1 दिसंबर 2022 से एक साल की अवधि के लिए भारत G20 की अध्यक्षता करेगा. इस मौके पर देशभर में फैले यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल समेत केंद्र सरकार संरक्षित 100 स्मारकों को सप्ताह भर के लिए रोशनी से जगमग किया जाएगा. इन पर लाइट से G20 के लोगो भी दर्शाया जाएगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का कहना है कि उच्च स्तर के गणमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधि विभिन्न केंद्रीय संरक्षित स्मारकों का दौरा करेंगे. इस अवसर पर देश के स्मारकों को दुनियाभर के सामने उजागर करने का सुनहरा मौका है.
यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल साइटों को ध्यान में रखकर एएसआई संरक्षित स्मारकों/स्थलों पर विशेष ब्रांडिंग और प्रचार योजना तैयार की गई है. इस लिहाज से यह निर्णय लिया गया है कि 100 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों को लिस्ट में शामिल किया जाए. जिन्हें एक सप्ताह के लिए जगमग रोशन किया जाएगा.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक दिल्ली में हुमायुं का मकबरा और पुराना किला से लेकर गुजरात में मोढेरा सूर्य मंदिर और ओडिशा में कोणार्क सूर्य मंदिर से लेकर बिहार में शेर शाह सूरी का मकबरा तक को 100 स्थलों की सूची में शामिल किया गया है. भारत 1 दिसंबर को जी20 की वार्षिक अध्यक्षता ग्रहण करेगा.
बता दें कि भारत में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि जी20 की पहली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में उदयपुर में होगी, जब जी20 शेरपा की बैठक होगी.
बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूनेस्को के तहत सूचीबद्ध एएसआई साइटों सहित 100 एएसआई साइटों को एक सप्ताह के लिए रोशन किया जाएगा. सभी स्मारकों पर जी -20 का लोगो को लाइट से दर्शाया जाएगा. स्मारकों पर अनुमानित लोगो का आकार साइट की प्रकृति और डिजाइन पर निर्भर करेगा.
उन्होंने कहा कि ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी, तीनों यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों पर लोगो को साइटों के पास स्थापित एक यूनिपोल पर पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.