नवजात बच्चों को खरीदने-बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, गिरफ्तार 9 आरोपियों में 6 महिलाएं
NDTV India
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की अपराध शाखा (Crime Branch) ने नवजात शिशुओं को खरीद-बिक्री करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. मामले में पुलिस ने अभी तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें 6 महिलाएं हैं. खास बात यह है कि गिरफ्तार आरोपियों में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक लैब टेक्नीशियन भी है. क्राइम ब्रांच के पीआई योगेश चव्हाण के मुताबिक ये गिरोह गरीब माता-पिता से 60 हजार से एक लाख रुपये में बच्चे खरीदकर उन्हें 2 से 3 लाख रुपये में बेचा करता था.
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की अपराध शाखा (Crime Branch) ने नवजात शिशुओं को खरीद-बिक्री करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. मामले में पुलिस ने अभी तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें 6 महिलाएं हैं. खास बात यह है कि गिरफ्तार आरोपियों में एक डॉक्टर, एक नर्स और एक लैब टेक्नीशियन भी है. क्राइम ब्रांच के पीआई योगेश चव्हाण के मुताबिक ये गिरोह गरीब माता-पिता से 60 हजार से एक लाख रुपये में बच्चे खरीदकर उन्हें 2 से 3 लाख रुपये में बेचा करता था. अभी तक की जांच में पता चला है कि 6 महीने में 4 बच्चों को बेचा गया है. पुलिस को संदेह है कि बेचे गए बच्चों की संख्या अधिक हो सकती है. पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल फोन में बच्चों की फ़ोटो और व्हाट्सऐप चैट भी मिला है. गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक इंस्पेक्टर योगेश चव्हाण और मनीषा पवार को गिरोह की महिला के बारे में सूचना मिली थी कि बान्द्रा पूर्व में रहने वाली एक महिला बच्चों को बेचने का कारोबार करती है. जांच में रुखसार शेख नाम की महिला का पता चला जिसने हाल ही में एक बच्ची को बेचा था. उससे पूछताछ के बाद पता चला कि शाहजहां जोगिलकर ने रूपाली वर्मा के जरिए अपने बच्चे को पुणे स्थित एक परिवार को बेचा था. पुलिस ने सबसे पहले रुखसार, शाहजहां और रूपाली को हिरासत में लिया. फिर एक-एक कर डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन भी पकड़े गए. पुलिस के मुताबिक डॉक्टर, नर्स और टेक्नीशियन अपने यहां आने वाले मरीजों से बात-बात में जरूरतमंद और मजबूरों की पहचान करके एजेंटों को सूचित करते थे. इसके बाद एजेंट सौदा तय करते थे.More Related News