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बीएमसी चुनाव में कांग्रेस क्यों अपनी सहयोगी शिवसेना से अलग लड़ना चाहती है चुनाव?
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मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव 2022 में भले ही अभी एक साल से ज्यादा समय बाकी हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से ही सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज शिवसेना मुंबई पर काबिज गुजरातियों को साधने की कवायद की कर रही है तो उसकी सहयोगी कांग्रेस अकेले बीएमसी चुनाव में उतरने की तैयारी में है. मुंबई कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष भाई जगताप ने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि कांग्रेस बीएमसी के चुनाव में सभी 227 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है और वो अकेले चुनावी किस्मत आजमाएगी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि कांग्रेस बीएमसी चुनाव में शिवसेना से अलग चुनावी ताल ठोकने की तैयारी में है?
बता दें कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद ऐसा सियासी घटनाक्रम हुआ कि मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच 25 साल की दोस्ती राजनीतिक दुश्मनी में तब्दील हो गई. शिवसेना ने बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए का नाता तोड़कर अपने वैचारिक विरोधी एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया. उद्धव ठाकरे सूबे के सीएम बने और कांग्रेस और एनसीपी को सत्ता में भागीदारी मिली.
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