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राजस्थान: सहकारी समिति चुनाव लड़ने के लिए जरूरी नहीं साक्षर होना, गहलोत सरकार ने बदला नियम
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वसुंधरा सरकार ने जब को-ऑपरेटिव सोसायटी का चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य किया था, तब कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए इसका कड़ा विरोध किया था. वसुंधरा सरकार के इस फैसले पर तब जमकर हंगामा हुआ था. सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थाओं में एक बड़ा तबक़ा है जो इस नियम के चलते अधिकारों से वंचित रह रहा था जिसकी वजह से हम इसे ख़त्म कर रहे हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य में को-ऑपरेटिव सोसायटी के चुनाव लड़ने के लिए साक्षर होने की बाध्यता खत्म करने का निर्णय लिया है. इस तरह मौजूदा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार के इस फैसले को पलट दिया है. वसुंधरा सरकार ने जब को-ऑपरेटिव सोसायटी का चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य किया था, तब कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए इसका कड़ा विरोध किया था. वसुंधरा सरकार के इस फैसले पर तब जमकर हंगामा हुआ था. सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थाओं में एक बड़ा तबक़ा है जो इस नियम के चलते अधिकारों से वंचित रह रहा था जिसकी वजह से हम इसे ख़त्म कर रहे हैं.More Related News