अर्थव्यवस्था के अंधेरे में रोशनी देता राजस्थान
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शुरुआती छह महीनों में आर्थिक मोर्चे पर निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद तीसरी तिमाही में राजस्थान ने कर और राजस्व के आंकड़ों में उल्लेखनीय सुधार किया है.
पिछले कुछ समय से राजस्थान सरकार ने कथित तौर पर जीएसटी और अन्य करों की चोरी की जांच के लिए अभियान शुरू किए हैं. इसके नतीजे कर संग्रह के आंकड़ों में दिखाई देने लगे हैं- हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान उन बड़े राज्यों में ओडिशा के बाद दूसरे स्थान पर है जहां जीएसटी संग्रह में सुधार हुआ है. राजस्थान में दिसंबर 2019 के मुकाबले दिसंबर 2020 में इसमें काफी बढ़ोतरी दिखी है. राज्य में जीएसटी अनुपालन भी 84 प्रतिशत दर्ज किया गया है जो कि 78 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से बहुत आगे है. इसके पीछे की वजह राज्य सरकार के फर्जी इनवाइस और टैक्स चोरी के खिलाफ अभियान के साथ कोरोना पाबंदियों से उद्योगों को सही वक्त पर मुक्त करना भी शामिल है. राज्य का टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू भी पिछले तीन महीनों के दौरान पिछले साल के इसी कालखंड के मुकाबले बेहतर रहा है. यह अक्तूबर 2019 के 4,758 करोड़ रु. के मुकाबले अक्तूबर 2020 में 5,797 करोड़ रु. रहा, इसी तरह नवंबर 2019 के 5,402 करोड़ रु. के मुकाबले नवंबर 2020 में 5,829 करोड़ रु. और दिसंबर 2019 के 5,033 करोड़ रु. के मुकाबले दिसंबर 2020 में 6,087 करोड़ रु. रहा. दिसंबर 2020 में पहली बार मासिक कलेक्शन 2019 के इसी महीने के हर पहलू के लिहाज से बेहतर रहा- जिसमें सेल्स टैक्स, वैट, जीएसटी, स्टेज एक्साइज, स्टॉम्प ऐंड रजिस्ट्रेशन, वाहनों पर कर और खनन से हासिल राजस्व शामिल है.More Related News