Osho Ashram: खुले-आम सेक्स, नशा और आजादी! ओशो के आश्रम में 10 साल के बच्चे का अनुभव
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ओशो की विचारधारा से प्रभावित होने के बाद लोगों की जिंदगी बदल जाती है. वाइल्ड वाइल्ड कंट्री में नोवा मैक्सवेल नाम के व्यक्ति के बारे में दिखाया गया है कि कैसे उसका बचपन रजनीश यानी ओशो के आश्रम में गुजरा और बाहर आने के बाद उसकी जिंदगी कैसे बदल गई. एक पत्रकार ने नोवा का इंटरव्यू किया है जो 'द गार्जियन' में छपी है.
हर साल 19 जनवरी को ओशो की पुण्यतिथि मनाई जाती है. ओशो की पूरी जिंदगी विवादों से भरी रही. कोई ओशो को महान दार्शनिक मानता है तो कोई उनके विचारों की वजह से उन्हें सेक्स गुरु की संज्ञा देता है. ओशो ने 'संभोग से समाधि' का मंत्र दिया. वो भौतिकतावाद और अध्यात्म को अलग-अलग नहीं करते थे. ओशो का मानना था कि इंसान को अपनी इन्द्रियों का दमन करके और पूरी तरह से सांसारिकता का त्याग करके संन्यास की तरफ नहीं बढ़ना चाहिए बल्कि इससे होते हुए अध्यात्मिकता की तरफ जाना चाहिए. ओशो की जिंदगी पर एक डॉक्यूमेंट्री भी आ चुकी है. साल 2018 में आई नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' में ओशो के अमेरिका के ऑरेगन स्थित आश्रम के बारे में दिखाया गया है. 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' में ओशो के आश्रम में रहने वाले कई शिष्यों का इंटरव्यू है. ओशो के शिष्यों ने बताया है कि उनके व्यक्तित्व में एक गजब आकर्षण था और जो कोई उनके पास जाता था, उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता था. 'द गार्डियन' के एक पत्रकार सैम वैलस्टन ने इस वेब सीरीज का रिव्यू किया था. इसके बाद उन्होंने उस आश्रम में रहने वाले नोवा का भी इंटरव्यू किया था. पत्रकार का कहना था कि वो वाइल्ड वाइल्ड कंट्री में दिखाई गई बातों के अलावा और भी बहुत कुछ जानना चाहता था जैसे कि ओशो के आश्रम में बच्चों का जीवन कैसे गुजर रहा था और उन पर इसका कैसा असर पड़ रहा था. नोवा की उम्र अब 50 साल के करीब है. नोवा ओशो के आश्रम में करीब चार साल रहे. उन्होंने साल 2018 के इंटरव्यू में आश्रम में अपने अनुभवों के बारे में बताया था. रिपोर्ट के अनुसार, 1976 में नोवा के माता-पिता को भारत में रह रहे उनके एक मित्र से चिट्ठी मिली जिसमें लिखा था कि उसने जीवन का सही मतलब समझ लिया है. इसके बाद नोवा के माता-पिता भी लंदन में सब कुछ छोड़कर भारत में ओशो के पुणे आश्रम में आ गए.More Related News