हैदराबाद: बुर्का पहनी छात्राओं को परीक्षा में बैठने से रोका, मंत्री बोले- महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए
AajTak
तेलंगाना में हिजाब विवाद का एक मामला सामने आया है. परीक्षा देने पहुंची छात्राओं ने आरोप लगाया कि उनको परीक्षा में इसलिए नहीं बैठने दिया क्योंकि उन्होंने हिजाब पहना था. इसे लेकर जब तेलंगाना के मंत्री से सवाल किया तो उन्होंने अटपटा और विवादित बयान दे दिया.
कर्नाटक के बाद अब हैदराबाद में बुर्के को लेकर विवाद हो गया है. शुक्रवार को बुर्का पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंचीं छात्राओं ने आरोप लगाया कि केवी रंगा रेड्डी महिला डिग्री कॉलेज के स्टाफ ने उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया. मुस्लिम छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा देने से पहले उन्हें आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा और बाद में अपना बुर्का हटाकर परीक्षा देनी पड़ी.
इसके बाद, जब तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने विवादित बयान दे दिया. महमूद अली ने कहा कि महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए. जब उनसे केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में हुई घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं छोटे कपड़े पहनती हैं तो समस्या होती है.
महबूब अली ने कहा, 'हमारी नीति बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष नीति है. हर किसी को अपनी इच्छानुसार ड्रेस पहनने का अधिकार है. लेकिन, किसी को हिंदू या इस्लामी प्रथाओं के अनुसार पोशाक पहनने का अभ्यास करना चाहिए और यूरोपीय संस्कृति का पालन नहीं करना चाहिए नहीं तो हालात खराब होंगे. हमें अपनी पोशाक संस्कृति का सम्मान करना चाहिए. विशेष रूप से, महिलाओं को छोटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए और उन्हें जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए. कम कपड़े पहनने से परेशानी होती है.'
आजमपुरा में एक वार्ड कार्यालय के उद्घाटन समारोह में पहुंचे महमदू अली ने कहा कि रंगा रेड्डी कॉलेज की घटना को हम देखेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे. दरअसल छात्राएं शुक्रवार को परीक्षा देने के लिए कॉलेज पहुंची थी. आरोप है कि छात्राओं को इस वजह से परीक्षा देने से रोक दिया गया क्योंकि उन्होंने बुर्का पहना हुआ था. इसके बाद जब उन्होंने बुर्का उतारा तब जाकर उन्हें परीक्षा देने की अनुमति मिली.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
देश का सबसे तेज न्यूज चैनल 'आजतक' राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में तीन दिवसीय 'साहित्य आजतक' महोत्सव आयोजित कर रहा है. इसी कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए गए. समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' से सम्मानित किया गया.
आज शाम की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 23 नवंबर 2024 की खबरें और समाचार: खबरों के लिहाज से शनिवार का दिन काफी अहम रहा है. महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पर पर अपना दावा ठोका है. सीएम योगी ने यूपी उपचुनाव के नतीजों को पीएम मोदी के नेतृत्व की जीत बताया है.
हिंदी साहित्य के विमर्श के दौरान आने वाले संकट और चुनौतियों को समझने और जानने की कोशिश की जाती है. हिंदी साहित्य में बड़े मामले, संकट और चुनने वाली चुनौतियाँ इन विमर्शों में निकली हैं. महत्वपूर्ण विचारकों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं. हिंदी साहित्यकार चन्द्रकला त्रिपाठी ने कहा कि आज का विकास संवेदन की कमी से ज्यादा नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति प्रेम के लिए वस्तुओं की तरफ झूक रहा है, लेकिन व्यक्ति के प्रति संवेदना दिखाता कम है. त्रिपाठी ने साहित्यकारों के सामने मौजूद बड़े संकट की चर्चा की. ये सभी महत्वपूर्ण छोटी-बड़ी बातों का केंद्र बनती हैं जो हमें सोचने पर मजबूर करती हैं.