हैदरपोरा मुठभेड़: मारे गए नागरिकों के परिवारों ने प्रदर्शन किया, शव लौटाने की मांग
The Wire
बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया है, जबकि परिजनों का कहना है कि वे आम नागरिक थे और उनके शवों का वापस करने की मांग की है.
मारे गए दो नागरिकों के बारे में परस्पर विरोधी दावों के बाद हैदरपुरा में बीते 15 नवंबर की मुठभेड़ को लेकर विवाद पैदा हो गया था, क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों ने पुलिस के इस आरोप का विरोध किया था कि वे ‘आतंकवादियों के सहयोगी’ थे. Joined the Sit-in candle light protest along with my colleague @salmanalisagar and other YNC functionaries at Press Enclave this evening. We reiterated the demand of the victim families to return the bodies of the civilians killed in Hyderpora encounter. pic.twitter.com/FGCU6fEFqL Along with @ImranNDar & other @YNC_Kashmir colleagues @abidwani_ @IrfanZehgeer #sheikhOvais #HananQazi & others Joined families of Mohammad Altaf & Dr Mudasar at press enclave during sit-in candle light protest Expressed solidarity on behalf of entire @JKNC_ family. pic.twitter.com/HHtEpBOKpq Party President Dr Farooq Abdullah has spoken to LG Manoj Sinha and reiterated his demand for an impartial probe into the civilian killings. He also sought LGs intervention in handing over bodies to their kin. LG has assured to look into the demands of victim families. I’ve rarely seen families who have been wronged conduct themselves with such dignity. They have been reasonable in their demands & dignified in their conduct. The result of this is visible for all to see as the police drags them away in the dead of night. To vilify them as militants or OGWs is bad enough but to take the bodies away & forcibly bury them in North Kashmir is a crime against humanity. The bodies must be returned to the families so they can be buried. It’s the only just thing & it’s the only humanitarian thing to do.
पुलिस के अनुसार, एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय सहयोगी मोहम्मद आमिर और दो नागरिक- एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ भट और दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल मुठभेड़ में मारे गए थे, जहां एक अवैध कॉल सेंटर और एक आतंकी ठिकाना कथित तौर पर चलाया जा रहा था. — Imran Nabi Dar (@ImranNDar) November 17, 2021 — Salman Sagar (@salmanalisagar) November 17, 2021 — JKNC (@JKNC_) November 17, 2021 — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 18, 2021 — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 17, 2021
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने दावा किया कि गुल आतंकवादियों के करीबी सहयोगी थे और भट के मालिकाना हक वाले शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में कॉल सेंटर चला रहे थे. कुमार ने भट की मौत पर अफसोस जताया, लेकिन कहा कि उनका नाम आतंकवादियों को ‘पनाह देने वालों’ में गिना जाएगा.
भट और गुल के परिवारों ने बुधवार को श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में पुलिस के उनके आतंकी होने के दावे का खंडन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि उनके परिजन के शव उन्हें लौटाए जाएं, क्योंकि वे आतंकवादी नहीं थे. मोहम्मद आमिर के पिता लतीफ मगराय ने भी अपने बेटे के आतंकवादी होने के अधिकारियों के दावे को खारिज कर दिया.