हिमाचल में जारी सियासी घमासान के बीच प्रियंका गांधी से मिले विक्रमादित्य सिंह, बताई नाराजगी की वजह!
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विक्रमादित्य सिंह ने रविवार और सोमवार, दोनों दिनों प्रियंका गांधी से दिल्ली में मुलाकात की है और अब वह हिमाचल के लिए रवाना होंगे. उनके और प्रियंका के बीच रविवार को करीब 1:30 घंटे बातचीत हुई. उन्होंने नाराज विधायकों के मुद्दे प्रियंका के सामने उठाए और उन पर संज्ञान लेने को कहा.
हिमाचल प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत की है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली पहुंचकर प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर नाराज विधायकों की समस्याओं से अवगत कराया. साथ ही उन्होंने मांग की है कि पार्टी नेतृत्व नाराज विधायकों से फोन पर या उन्हें दिल्ली बुलाकर बातचीत करे.
जानकारी के मुताबिक विक्रमादित्य सिंह ने रविवार और सोमवार, दोनों दिनों प्रियंका गांधी से दिल्ली में मुलाकात की है और अब वह हिमाचल के लिए रवाना होंगे. उनके और प्रियंका के बीच रविवार को करीब 1:30 घंटे बातचीत हुई. उन्होंने नाराज विधायकों के मुद्दे प्रियंका के सामने उठाए और उन पर संज्ञान लेने को कहा.
वहीं पीटीआई के मुताबिक हिमाचल के राजनीतिक संकट से निपटने में शामिल एक पार्टी सूत्र ने बताया, "सुक्खू सरकार बहुमत में है और पूरे पांच साल तक हिमाचल प्रदेश के लोगों की सेवा करेगी और धनबल की मदद से जनादेश को कुचलने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा. बागी विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की गई है जो "आयाराम-गयाराम" रणनीति पर रोक लगाता है."
पार्टी सूत्र ने दावा किया कि दलबदल विरोधी कानून के तहत छह विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब सदन में विधायकों की संख्या 62 रह गई है और सरकार के पास बहुमत के आंकड़े 32 से अधिक समर्थन है. बीजेपी और बागी विधायक सरकार के बारे में सिर्फ झूठी खबरें फैला रहे हैं. बागी विधायक स्वयं माफी मांग रहे हैं और संदेश भेज रहे हैं.
क्या हुआ था हिमाचल प्रदेश में?
हिमाचल प्रदेश की सरकार का ये संकट राज्यसभा चुनाव के दौरान हुआ. हिमाचल की एक सीट पर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बड़े चर्चे इसलिए हुए, क्योंकि कांग्रेस यहां बहुमत में है, जबकि बीजेपी के सिर्फ 25 विधायक ही थे. कांग्रेस के 6 विधायकों ने बगावत कर दी. इस तरह कांग्रेस के 6 और तीन निर्दलीयों विधायकों ने चुनाव से ऐन पहले खेमा बदल लिया और बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर दी. इसके चलते बीजेपी के उम्मीदवार जीत गए और कांग्रेस हार गई. इसके बाद से ही सुक्खू सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. इसके बाद से कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी है.
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