हिमाचल प्रदेश: अडानी समूह पर सेब की कीमतें कम करने का आरोप, सेब उत्पादक निराश
The Wire
इस बार अडानी समूह ने एक किलो ए-ग्रेड सेब की कीमत 72 रुपये तय की है, जो कि पिछले साल घोषित प्रति किलो 88 रुपये की तुलना में काफी कम है. इसके चलते राज्य के क़रीब 5ए000 करोड़ रुपये के सेब का कारोबार काफ़ी प्रभावित हुआ है. किसानों का आरोप है कि अन्य ख़रीददार भी अडानी समूह का अनुसरण कर कम कीमत पर सेब ख़रीद रहे हैं.
चंडीगढ़: मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के समर्थन में जो दलीलें दी जाती हैं, वो हिमाचल प्रदेश में सेब के बाजार मूल्य की स्थिति को देखते हुए बेमानी साबित हो रही हैं. खास बात ये है कि हिमाचल के सेब किसानों की इस स्थिति के पीछे की बड़ी वजह अडानी समूह द्वारा घोषित मूल्य बताया जा रहा है. दरअसल देश के इस पहाड़ी राज्य में सेब का कारोबार मुख्य रूप से ‘मुक्त बाजार मॉडल’ पर आधारित है. केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का केंद्र बिंदु भी यही मॉडल है. इस बार अडानी समूह ने एक किलो ए-ग्रेड सेब की कीमत 72 रुपये तय की है, जो कि पिछले साल घोषित प्रति किलो 88 रुपये की तुलना में काफी कम है. इसके चलते राज्य के करीब 5,000 करोड़ रुपये के सेब का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है.More Related News