हिमाचल का वह शापित गांव जहां कोई नहीं मनाता दिवाली, घरों में कैद हो जाते हैं लोग
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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक ऐसा गांव है जहां पर दीवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है और न ही दीवाली के लिए कोई तैयारी की जाती है. इसके पीछे गांव के शापित होने को वजह बताया जाता है.
इस समय देशभर में दिवाली की धूम है. लोग दिवाली के त्योहार की तैयारियों में जुटे हैं और गुरुवार को देश को कोना- कोना रौशन होगा. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि भारत में ही ऐसा एक गांव है जहां एक भी व्यक्ति दिवाली नहीं मनाता है.
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर का एक ऐसा गांव भी है जहां पर दीवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है और न ही दीवाली के लिए कोई तैयारी की जाती है. हमीरपुर जिले में सम्मू गावं में कई सालों से दीवाली मनाना तो दूर की बात इस दिन घर पर पकवान तक नहीं बनाए जाते है. लोगों का मानना है कि गांव को एक श्राप है, इसलिए यहां दीवाली पर जश्न नहीं मनाया जाता है.अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो यहां आपदा आती है या फिर अकाल मृत्य हो जाती है.
दिवाली के दिन घर से तक नहीं निकलते लोग
इस बार भी हमीरपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूरी पर स्थित सम्मू गांव में दीवाली को लेकर कोई रौनक नहीं देखी जा रही है.यहां सैकडों सालों से दीवाली को मनाने से परहेज किया जाता है. दीवाली के दिन दीप तो जलाए जाते हैं, लेकिन अगर किसी परिवार ने गलती से भी पटाखे जलाने के साथ-साथ घर पर पकवान बनाए तो फिर गांव में आपदा आना तय है.
ऐसा नहीं है कि लोगों ने इस शाप से मुक्ति पाने की कोशिश नहीं की हो. कई बार कोशिश की गई, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई.लोगों पर श्राप का इतना खौफ है कि दीपावली को गांव के लोग घरों से बाहर भी निकलना मुनासिब नहीं समझते हैं.
कोई दिवाली मनाए तो आती है आपदा
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