
हिटलर की वो ग़लतियाँ, जिनसे दूसरे विश्व युद्ध की धारा बदल गई
BBC
सोवियत संघ पर जर्मनी का आक्रमण इतिहास के सबसे बड़े सैनिक आक्रमण में से एक गिना जाता है. हिटलर और स्टालिन दोनों का बहुत कुछ दाँव पर था. लेकिन हिटलर को नुक़सान क्यों झेलना पड़ा.
22 जून 1941 को नाज़ी जर्मनी ने ऑपरेशन बारबरोसा शुरू किया था, जो सोवियत संघ के ख़िलाफ़ एक बड़ी आक्रामक कार्रवाई थी. उस समय सोवियत संघ की कमान स्टालिन के हाथों में थी. ये इतिहास का सबसे बड़ा सैनिक आक्रमण था. ये एक जोख़िम भरा दाँव भी था, जो उस समय एडोल्फ़ हिटलर ने दूसरे विश्व युद्ध को निर्णायक रूप से अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी. हिटलर की ख़ातिर 'ज़हर चखने' वाली वो औरत हिटलर ने शादी की, पार्टी की फिर गोली मार ली लेकिन चीज़ें वैसी नहीं हुईं, जैसी जर्मनी के नेता हिटलर चाहते थे. इतिहासकार इस ऑपरेशन की नाकामी को दूसरे विश्व युद्ध का एक टर्निंग प्वाइंट और इसे जर्मन श्रेष्ठता के अंत की शुरुआत भी मानते हैं.More Related News