हिंसा के बीच बांग्लादेश में बड़ी हलचल... पुलिस हटाई गई, सेना पूरे देश में तैनात, आर्मी हेडक्वार्टर में हो रही बड़ी बैठक
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बांग्लादेश के हालात ठीक वैसे ही बनते जा रहे हैं, जैसे कुछ समय पहले पाकिस्तान के थे. पाकिस्तान की तरह ही अंदरूनी कलह से जूझ रहे बांग्लादेश में लॉन्ग मार्च का आह्वान किया गया है. छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की है.
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है. आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन अब प्रधानमंत्री शेख हसीना की कुर्सी के लिए खतरा बनता जा रहा है. इस बीच राजधानी ढाका सहित देशभर में सेना तैनात कर दी गई है. सड़कों से पुलिस को हटा दिया गया है. सत्तारूढ़ अवामी लीग और मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच सेना हेडक्वार्टर में बड़ी बैठक हो रही है.
इसस पहले रविवार को हुई हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इनमें 19 पुलिसकर्मी शामिल हैं. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर मोर्चा संभाले हुए हैं. देशभर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया है. इंटरनेट पर पूरी तरह से बैन है और ढाका तक लॉन्ग मार्च का आह्वान किया गया है.
बांग्लादेश के हालात ठीक वैसे ही बनते जा रहे हैं, जैसे कुछ समय पहले पाकिस्तान के थे. पाकिस्तान की तरह ही अंदरूनी कलह से जूझ रहे बांग्लादेश में लॉन्ग मार्च का आह्वान किया गया है. छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की है.
छात्रों का ढाका तक लॉन्ग मार्च क्यों?
बांग्लादेश में छात्र प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए देशव्यापी कर्फ्यू को धता बताते हुए सोमवार को राजधानी ढाका तक लॉन्ग मार्च का आह्वान किया है. एंटी डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट ने सोमवार को एक दिन के लॉन्ग मार्च का आह्वान किया था. इस लॉन्ग मार्च के मद्देनजर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी और बख्तरबंद गाड़ियों को सड़कों पर गश्ती करते देखा जा सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोटेस्ट के समन्वयक आसिफ महमूद ने कहा कि इस सरकार ने कई छात्रों का कत्ल किया है. अब समय आ गया है कि सरकार को अपने कर्मों का हिसाब देना होगा. सोमवार को हर छात्र ढाका का रुक कर रहा है.
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