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हिंद महासागर में अब नहीं चलेगी चीन की दादागिरी, नौसैना को मिलेंगे छह नए P-8I विमान!
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हिंद महासागर में चीन के जहाज और पनडुब्बियों की भरमार है. इन पर निगरानी बढ़ाने के लिए भारत अपनी सामरिक क्षमता का विस्तार कर रहा है और इसी क्रम में नौसैना में 6 नए P-8I विमानों को शामिल किया जा रहा है. अमेरिका से इन विमानों के साथ-साथ निगरानी के लिए खास तरह के ड्रोन भी खरीदे जा रहे हैं.
हाल के सालों में हिंद महासागर में चीनी युद्धपोतों और पनडुब्बियों की मौजूदगी में भारी बढ़ोतरी हुई है. चीन इनकी संख्या को सर्वेक्षणों और समुद्री लुटेरों के खिलाफ ऑपरेशन की आड़ में बढ़ाता जा रहा है. चीनी नौसैनिक गतिविधियों पर भारतीय नौसेना की कड़ी नजर रहती है और अब भारत की निगरानी क्षमता में और अधिक विस्तार होने वाला है. भारतीय नौसैना में अब छह नए पी-8आई (P-8I) समुद्री गश्ती विमान शामिल होने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे में भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान में जानकारी दी गई है कि इन छह पी-8आई विमानों को लेकर समझौता लगभग पूरा होने वाला है. बिक्री के लिए सभी शर्तों पर भी सहमति बन गई है.
नौसेना में शामिल 6 विमानों की खेप भारत की समुद्री क्षमता मजबूत करेगी, खासकर हिंद महासागर में. इन विमानों के आने से प्रतिकूल गतिविधियों की निगरानी करने और उनका मुकाबला करने की नौसैना की क्षमता बढ़ेगी.
भारत के पास वर्तमान में कितने P-8I विमान?
वर्तमान में भारत के पास 12 P-8I विमान हैं. आठ विमानों के पहले बैच को 2009 में नौसेना में शामिल किया गया था. इसके बाद 2016 में चार और नए विमान खरीदे गए थे. नौसैना ने 10 अतिरिक्त विमानों का अनुरोध किया था लेकिन उसे पूरा कोटा नहीं मिल सका.
नवंबर 2019 में छह नए पी-8आई के लिए मंजूरी दे दी गई. इस निर्णय को मई 2021 में अमेरिकी विदेश विभाग से मंजूरी मिली. इन विमानों को विशेष रूप से लंबी दूरी की निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है और ये बहुत गहराई पर भी पनडुब्बियों का पता लगा सकते हैं और उन्हें बेअसर कर सकते हैं.
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