![हिंदुत्ववादी जमातों की ख़ुद को बड़ा साबित करने की होड़ में पिसती अयोध्या](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2020/08/Ayodhya-Ram-mandir-Prep-PTI-4.jpg)
हिंदुत्ववादी जमातों की ख़ुद को बड़ा साबित करने की होड़ में पिसती अयोध्या
The Wire
राज ठाकरे की अयोध्या यात्रा के ऐलान के बाद आदित्य ठाकरे ने भी वहां जाने की घोषणा की है और शहर में पोस्टर वॉर छेड़ते हुए 'नकली हिंदुत्ववादी' से सावधान रहने को कहा है. वहीं, कैसरगंज से भाजपा के बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने राज ठाकरे को 'कालनेमि' बताते हुए अयोध्या में न घुसने देने की धमकी दे डाली ह
अपने अतीत में सर्वधर्मसद्भाव या कि धर्मनिरपेक्षता के पैरोकारों और हिंदुत्ववादियों के बीच कई मुकाबले देख चुकी अयोध्या का इन दिनों एक अलग ही तरह के ‘गजब’ से सामना है क्योंकि देश के बड़े हिस्से में अपने विरोधियों को श्रीहीन करने में सफलता पा लेने के बावजूद हिंदुत्ववादियों को चैन नहीं आ रहा और वे राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद हल हो जाने के बावजूद अयोध्या का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
इसलिए उनकी नाना रूपधारी राजनीतिक जमातों को कुछ और नहीं सूझ रहा तो वे खुद को हिंदुत्व की ‘विचारधारा’ की सबसे बड़ी वारिस सिद्ध करने के लिए अयोध्या आकर आपस में ही भिड़ने और ‘तू बड़ी कि मैं’ का फैसला करने पर आमादा हैं.
खुद को असली और दूसरों को नकली, गांधारी, घंटाधारी, बिकी हुई और छद्म वगैरह कहने से भी परहेज नहीं कर रहीं. स्वाभाविक ही लोग याद कर रहे हैं कि अब अपने ही शिविर में लतिहाव में मगन ये जमातें कभी इसी तरह धर्मनिरपेक्षता के पवित्र संवैधानिक मूल्य को भी छद्म बताया करती थीं.
पाठकों को याद होगा, अभी थोड़े ही दिनों पहले भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना किस तरह छह दिसंबर, 1992 को हुए बाबरी मस्जिद के ध्वंस का ‘श्रेय’ लूटने के चक्कर में एक दूजे की ‘बहादुरी’ दावों की पोल खोल रही थीं! जैसे कि सर्वोच्च न्यायालय तक द्वारा निंदित वह ध्वंस ही उनके खाते का सबसे बड़ा राजनीतिक ‘पुण्य’ हो!