हार के बाद बोले हरीश रावत- पराजय के बाद सेनापति को हमेशा सुननी ही पड़ती उलाहना
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रावत ने आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा गढ़े हुए झूठों का सहारा लिया जा रहा है. हमने कभी भी शुक्रवार की नमाज़ की छुट्टी का कोई आदेश नहीं निकाला और राज्य में भी ऐसा कोई आदेश कभी नहीं निकला है. भाजपा ने इसे झूठ की तरह फैलाया.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों में लालकुआं विधानसभा सीट से मैदान में उतरे पूर्व सीएम हरीश रावत को करारी हार मिली. इसके बारे से उन्हें अच्छी खासी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट किया है.
इस पोस्ट में रावत ने लिखा- 'पराजय के बाद पराजित सेनापति को हमेशा उलाहना और आलोचनाएं सुननी पड़ती हैं, मैं भी एक स्वघोषित ही सही, सेनापति न सही लेकिन एक योद्धा तो हूं ही न. ढेर सारे लोग जिनमें भाजपा के सोशल मीडिया टीम और कुछ मेरे अति-अति प्रिय दोस्तों की टीम सम्मिलित है, मुझ पर दनादन प्रहार कर रहे हैं.
मैं उनका दिल से आभारी हूं कि एक पराजित योद्धा को वो इस लायक तो समझ रहे हैं कि अब भी मुझी पर चोट पर चोट की जा रही है और चोट पहुंचाने के लिए भाजपा द्वारा गढ़े हुए झूठों का सहारा लिया जा रहा है. हमारी सरकार ने कभी भी शुक्रवार की नमाज़ की छुट्टी का कोई आदेश नहीं निकाला और राज्य में भी ऐसा कोई आदेश कभी नहीं निकला है और देश में भी कहीं इस प्रकार का आदेश नहीं निकला है. मगर भाजपा ने एक झूठ को फैला दिया. दूसरा झूठ मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने को लेकर है. मुझसे कभी किसी मुसलमान भाई ने उत्तराखंड तो छोड़िए देश भर के किसी मुसलमान भाई ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी या मुस्लिम कॉलेज खोलने की मांग नहीं की है. मगर यह भी झूठा प्रचार किया गया और लोगों के मन में जहर घोला गया है.'
रावत ने इसको लेकर लंबा पोस्ट लिखा था जिसका ये केवल एक हिस्सा है.
बता दें कि लालकुआं विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी ने पूर्व सीएम हरीश रावत को बड़े अंतर से हरा दिया है. हरीश रावत को 17,527 वोटों से करारी हार मिली. दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश को सिर्फ 28780 वोट ही मिले. वहीं बीजेपी कैंडिडेट डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने 46307 वोट हासिल कर लिए.
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