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हाथरस भगदड़ के बाद 'भोले बाबा' के फरार होने की पूरी कहानी, इन 4 लोगों से की थी बात, कॉल डिटेल से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
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Hathras Stampede Latest News: नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा'के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के बाद से बाबा फरार है. इस बीच बाबा को लेकर अहम और चौंकाऊ जानकारी सामने आई है.
यूपी के हाथरस में भगदड़ मचने के बाद 121 लोगों की जान चली गई. लेकिन जिस नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' के सत्संग में इतना बड़ा हादसा हुआ वो अभी तक फरार है. इस बीच वो डिटेल निकलकर सामने आई है जिससे पता चला कि 'भोले बाबा' ने मौके से फरार होने के बाद किन-किन लोगों से बात की थी. फिलहाल, पुलिस एफआईआर दर्ज कर आयोजकों और बाबा के सेवादारों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. देर रात पुलिस फोर्स ने बाबा के मैनपुरी वाले आश्रम में छापा मारा था. लेकिन बाबा वहां नहीं मिला.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' घटना वाले दिन यानि मंगलवार की दोपहर 1:40 मिनट पर ही मौके से निकल गया था. पुलिस के कॉल डिटेल चेक करने पर पता चला कि 'भोले बाबा' को 2:48 मिनट पर आयोजक देवप्रकाश मधुकर का फोन गया. हो सकता है कि बाबा को मधुकर द्वारा हादसे की जानकारी दी गई थी. बाबा और मधुकर के बीच 2 मिनट 17 सेकंड तक बात हुई थी.
इसके बाद बाबा की फोन लोकेशन 3 बजे से 4:35 तक मैनपुरी के आश्रम में मिली. इस दौरान कुल तीन नंबरों पर 'भोले बाबा' ने बात की. पहला नंबर महेश चंद्र नाम के शख्स का था, जिससे 3 मिनट की बात हुई. दूसरा नंबर किसी संजू यादव का था, जिससे केवल 40 सेकंड बात हुई. तीसरा नंबर रंजना ने नाम पर दर्ज है, जिससे बाबा की बात करीब 11 मिनट 33 सेकंड की हुई.
खास बात ये है कि रंजना आयोजक देवप्रकाश की पत्नी है, जिसके फोन से शायद देवप्रकाश ने ही बातचीत की थी. अन्य दो नंबर भी आयोजक समिति से जुड़े लोगों के ही हैं, जिनमें महेश चंद्र बाबा का खास बताया जाता है. वहीं, 4:35 मिनट के बाद बाबा का फोन ऑफ हो गया और अभी तक ऑफ ही जा रहा है.
मैनपुरी के आश्रम पहुंची पुलिस
गौरतलब है कि सूरजपाल उर्फ 'भोले बाबा' के आश्रम पर बीती रात में मैनपुरी पुलिस ने छापेमारी की थी. इस दौरान एसपी सिटी, सीओ भोगांव के साथ पुलिस टीम आश्रम में पहुंची थी. पुलिस टीम आश्रम के अंदर करीब 1 घंटे से ज्यादा तक रही. अफसर जब बाहर निकले तो कहने लगे कि हम सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था देखने आए थे. बाबा अंदर नहीं है. अंदर 50 से 60 महिला पुरुष-श्रद्धालु हैं, जो इस आश्रम में अमूमन आते रहते हैं.
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एलजी सचिवालय के मुताबिक एलजी वीके सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण (पीओसी) अधिनियम, 1998 की धारा 17 ए के तहत मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने की सतर्कता निदेशालय (डीओवी) की सिफारिश से सहमति जताई है. सत्येंद्र जैन की जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को अधिकृत करने के लिए इस रेफरल की आवश्यकता है.
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दिल्ली CM केजरीवाल को कोर्ट से नहीं मिली राहत, मेडिकल चेकअप के दौरान मौजूद नहीं रह सकती पत्नी सुनीता
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जेल नियमों के मुताबिक किसी अन्य को मेडिकल चेकअप के दौरान साथ उपस्थित रहने की इजाजत नहीं होती है. हमें इस नियम में से केजरीवाल को राहत देने के लिए अपवाद करने का कोई कारण नजर नहीं आता. क्योंकि ऐसी ही स्वास्थ्य स्थिति में अन्य कैदी भी तो बिना पारिवारिक सहायक के इलाज करवा रहे हैं तो सिर्फ केजरीवाल को ही विशेष सुविधा क्यों दी जाए.