
हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले की सुनवाई बंद कमरे में करने का तरुण तेजपाल का आग्रह ठुकराया
The Wire
तरुण तेजपाल ने 2013 बलात्कार मामले में उन्हें बरी किए जाने के फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिका की बंद कमरे में सुनवाई करने का अनुरोध किया था, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस एमएस जवलकर की पीठ ने ख़ारिज कर दिया.
पणजी: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्रकार तरुण तेजपाल का वह अनुरोध अस्वीकार कर दिया जिसमें उन्होंने 2013 के बलात्कार मामले में उन्हें बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की बंद कमरे में सुनवाई करने का अनुरोध किया था.
तहलका पत्रिका के पूर्व मुख्य संपादक को इस साल मई में सत्र अदालत ने उन आरोपों से बरी किया था, जिसमें तेजपाल पर नवंबर 2013 में गोवा के पांच सितारा होटल की लिफ्ट में उनकी तत्कालीन महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था.
निचली अदालत के इस फैसले को राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय की गोवा पीठ के समक्ष चुनौती दी है.
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस एमएस जवलकर ने बुधवार को सीआरपीसी की धारा 327 के अंतर्गत बंद कमरे में अदालती कार्यवाही संबंधी तेजपाल का आवेदन खारिज कर दिया.