हवन के दौरान आहूति देते समय क्यों बोला जाता है स्वाहा, अग्नि देवता से है संबंध, जानें इसके पीछे की कहानी
ABP News
कोई भी धार्मिक अनुष्ठान बिना हवन के पूरा नहीं माना जाता. किसी भी हवन या यज्ञ में दी गई आहूति स्वाहा के बिना पूरी नहीं होती. क्या आपने कभी सोचा है, आखिर हवन के दौरान स्वाहा बोलना क्यों जरूरी होता है.
कोई भी धार्मिक अनुष्ठान बिना हवन (Havan) और यज्ञ के पूरा नहीं माना जाता और कोई भी हवन या यज्ञ में दी गई आहूति स्वाहा के बिना पूरा नहीं होती. क्या आपने भी कभी सोचा है, आखिर हवन के दौरान स्वाहा बोलना क्यों जरूरी होता है. वास्तव में अग्नि देव (Agni Dev) की पत्नि का नाम है स्वाहा. स्वाहा का मतलब है- सही रीति से पहुंचना. मंत्र पाठ (Mantra Path) करते हुए स्वाहा कहते हुए ही हवन कुंड में सामग्री अर्पित की जाती है ताकि वे देवताओं तक पहुंच सके.
ज्योतिष शास्त्रों का कहना है कि कोई भी यज्ञ तब तक सफल नहीं माना जा सकता जब तक हवन का ग्रहण देवता न कर लें. देवता हवन को तभी ग्रहण करते हैं जब हवन सामग्री को अग्नि के द्वारा स्वाहा के माध्यम से अर्पित किया जाता है. आइए जानते हैं इससे जुड़ी कथा के बारे में.