![हरियाणा सरकार को खोरी गांव के एक लाख निवासियों को क्यों बेदखल नहीं करना चाहिए](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2021/06/Khori-Village-hAryana-Photo-Ishita-Chatterjee.jpg)
हरियाणा सरकार को खोरी गांव के एक लाख निवासियों को क्यों बेदखल नहीं करना चाहिए
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के अरावली वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बसे खोरी गांव को खाली करवाने का निर्देश दिया है. इस संकट के समाधान के लिए ज़रूरी है कि एक संपूर्ण योजना बनाई जाए, जो वन संरक्षण और सामाजिक आवास- दोनों उद्देश्यों को पूरा करती हो.
7 जून 2021 को, सर्वोच्च न्यायालय ने फरीदाबाद नगर निगम के अंतर्गत आने वाले दिल्ली-हरियाणा सीमा के खोरी गांव बस्ती को खाली करवाने के फरवरी और अप्रैल 2020 के अपने आदेशों को दोहराया. बस्ती खाली करवाने का यह आदेश वर्ष 2010 से अदालत में चल रही सुनवाई पर आधारित है. सर्वोच्च न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि यह बस्ती अरावली वन भूमि पर अतिक्रमण है और इसलिए उन्हें यह आदेश देना सही लगा कि नगर निगम इसे खाली करवाने की कार्यवाही करे, और यदि ज़रूरत पड़े तो नगर निगम ताकत का इस्तेमाल भी कर सकता है. लगभग 6,500 घरों को तुड़वाने का काम मानसून शुरू होने से एकदम पहले किए जाने के आदेश हैं और अभी भी चारों ओर महामारी फैली हुई है, जहां ज़्यादातर लोगों को टीके भी नहीं लगे हैं. खोरी गांव के निवासी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में काम करने वाले मज़दूर हैं. वे कई ऐसी सेवाएं देते हैं, जिससे शहर को चलाए रखने में मदद मिलती है. यहां के शुरुआती निवासी खदानों में मज़दूरी किया करते थे जो खदान के ठेकेदारों के हाथों कर्ज़ के दुष्चक्र में फंस गए.More Related News