![हरियाणा चुनाव में अति-आत्मविश्वास के घोड़े पर सवार कांग्रेस कैसे मुंह के बल गिरी | Opinion](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202410/6704db3558e19-bhupinder-singh-hooda--rahul-gandhi-081147805-16x9.jpg)
हरियाणा चुनाव में अति-आत्मविश्वास के घोड़े पर सवार कांग्रेस कैसे मुंह के बल गिरी | Opinion
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Haryana election result: हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का करीब करीब वही हाल हुआ है, जो लोकसभा चुनाव में बीजेपी का हुआ था - लोकसभा चुनावी प्रदर्शन का अति आत्मविश्वास लगता है कांग्रेस को ले डूबा है. आइये, कांग्रेस की नाकामी के बाकी कारणों को बारीकी से समझते हैं.
हरियाणा में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही था, लेकिन आम आदमी पार्टी, JJP, INLD और बीएसपी जैसी पार्टियां भी मैदान में कूदी थी. जिन सीटों पर उम्मीदवारों के बीच बड़े फासले हैं वहां तो नहीं, लेकिन जहां कांटे का संघर्ष है, वहां तो खेल बिगड़ ही सकता है. दोपहर एक बजे के करीब हरियाणा में भाजपा को 50 सीटों पर बढ़त है, जबकि कांग्रेस का आंकड़ा 34-35 सीटों से आगे नहीं बढ़ रहा है. हरियाणा विधानसभा में बहुमत आंकड़ा 45 को पार करने से मिल जाता है, ऐसे में भाजपा की हैट-ट्रिक होती दिख रही है.
चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को तो फ्रीहैंड दिया, लेकिन उनको मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं घोषित किया था. ऐसा समझा गया कि हुड्डा ने अपने 72 समर्थकों को टिकट दिया, और उनके विरोधी कांग्रेस नेता बेचारे बने रहे.
जमीनी स्तर पर कांग्रेस खेमे में कई चीजों को नजरअंदाज भी किया गया - और कांग्रेस के अंदरूनी मतभेद भारी पड़े हैं, क्योंकि बीजेपी ने कांग्रेस की कमजोरियों को खूब भुनाया है.
हरियाणा चुनाव में ऐसे कई मुद्दे थे जिन्हें लेकर बीजेपी बचाव की मुद्रा में थी, लेकिन कांग्रेस उनका फायदा नहीं उठा पाई.
हरियाणा की लड़ाई को ध्यान से देखें तो ये बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व की जीत है, और हुड्डा एंड कंपनी पूरी तरह चूक गई है - और ये हुड्डा की लगातार तीसरी हार है.
1. हरियाणा में कांग्रेस को खा गया ओवर कान्फिडेंस
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जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा, और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है.'
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जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'सैम पित्रोदा द्वारा चीन पर व्यक्त किए गए कथित विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं. चीन हमारी विदेश नीति, बाह्य सुरक्षा, और आर्थिक क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन की दी गई क्लीन चिट भी शामिल है.'
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भारतीय रेल द्वारा भीड़ नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है. देश के 60 बड़े रेलवे स्टेशन पर होल्डिंग एरिया स्थापित किए जाएंगे, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इनमें से 35 प्रमुख स्टेशनों की निगरानी वॉर रूम से होगी. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद यह निर्णय लिया गया.