हरिद्वार में पिछले 30 साल में 24 संतों के अनसुलझे मामले, कुछ की हत्या तो कुछ अभी तक लापता
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हरिद्वार में मठ मंदिर, आश्रम और अखाड़ों के पास अकूत संपत्ति है. इनमें रहने वाले संतों के रहन सहन भी राजसी हैं. ज्यादातर संपत्तियां दान में मिली हैं. कई संत लग्जरी गाड़ियों में घूमने और अपने रहन सहन के चलते विवाद में भी रहे हैं. अखाड़ों की गद्दी और संपत्ति को लेकर विवाद भी जगजाहिर रहा है.
प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की चर्चा पूरे देश में है. इसी के साथ हरिद्वार में संतों के साथ हुई घटनाएं एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं. यहां पिछले 3 दशक में करीब 24 संत या तो रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई, या वे लापता हो गए. कई मामलों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. ज्यादातर मामलों में संपत्ति ही विवाद की मुख्य वजह मानी जाती रही है.
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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