हरिद्वार: जूना और अग्नि अखाड़े ने धर्म ध्वजा को उतार कर किया कुंभ का समापन, जानें- क्या रहा खास
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कुंभ मेले का शुभारंभ होने पर सभी अखाड़ों की तरफ से धर्म ध्वजा की स्थापना की जाती है. धर्म ध्वजा के नीचे ही सन्यासियों को दीक्षा देने की परंपरा है. जूना और अग्नि अखाड़े ने धर्म ध्वजा को उतार कर कुंभ का समापन किया.
हरिद्वार: कोरोना महामारी में हरिद्वार महाकुंभ की रौनक काफी कम नजर आई. राज्य सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक ही कुंभ की अवधि की गई थी. जूना और अग्नि अखाड़ा की तरफ से मंगलवार को कुंभ मेले के लिए स्थापित की गई धर्म ध्वजा को उतारा गया और विधिवत रूप से जूना और अग्नि अखाड़े ने कुंभ का समापन किया. धर्म ध्वजा की स्थापना अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है और इसी कारण धर्म ध्वजा को उतारने का भी एक अलग ही विधान होता है. रमता पंच आज से देश भ्रमण के लिए हरिद्वार से रवाना हो जाएंगे. अगले कुंभ में एक बार फिर से अखाड़ों की छावनी में निवास करेगे. विधि विधान के साथ धर्म ध्वजा को उतारा गया कुंभ मेले का शुभारंभ होने पर सभी अखाड़ों की तरफ से धर्म ध्वजा की स्थापना की जाती है. धर्म ध्वजा के नीचे ही सन्यासियों को दीक्षा देने की परंपरा है. कुंभ मेला समाप्त होने के बाद धर्म ध्वजा को पूरे विधि विधान के साथ उतारा जाता है. आज जूना और अग्नि अखाड़े में स्थापित धर्म ध्वजा की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर खास कढ़ी का भोजन करने के बाद धर्म ध्वजा को उतारा गया.More Related News