हमास पर विदेश राज्य मंत्री ने संसद में नहीं दिया ये जवाब, वायरल दस्तावेज पर मीनाक्षी लेखी की सफाई
AajTak
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ऐसे किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है जो फिलिस्तीनी समूह हमास से संबंधित है. विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उन्होंने ऐसे किसी दस्तावेज पर साइन नहीं किए हैं.
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि उन्होंने संसद में ऐसे किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं जिसमें सवाल पूछा गया था कि क्या भारत हमास को एक आतंकवादी समूह घोषित करने की योजना बना रहा है.मीनाक्षी लेखी इस बात से नाराज हैं और यह पता लगाने के लिए आंतरिक जांच हो सकती है कि इस जवाब को कैसे मंजूरी दे दी गई.'
मीनाक्षी लेखी का पोस्ट
विदेश राज्य मंत्री ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा “आपको गलत जानकारी दी गई है क्योंकि मैंने इस सवाल और इस जवाब वाले किसी भी पेपर पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.' इसके साथ उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और पीएमओ इंडिया को भी टैग किया. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने जांच की बात कही और कहा कि जल्द ही दोषी का खुलासा किया जाएगा.
भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह हमास-इजरायल संघर्ष से पैदा हुए सुरक्षा हालातों को लेकर चिंतित है. भारत ने "बातचीत और कूटनीति" के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देते हुए "संयम और तनाव कम करने" का आह्वान किया.
प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा सवाल
उद्धव सेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने विदेश मंत्रालय से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है उन्होंने लिखा, "नीचे दिए गए ट्वीट में मीनाक्षी लेखी जी अपने द्वारा दिए गए जवाब से इनकार कर रही हैं और खुद को अलग कर रही हैं, कहती हैं कि उन्हें नहीं पता कि पीक्यू के जवाब के रूप में इसे किसने तैयार किया है क्योंकि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. क्या वह यह दावा कर रही हैं कि यहां दस्तावेज से छेड़छाड हुई है? यदि हाँ तो यह एक गंभीर उल्लंघन है और मौजूदा नियमों का उल्लंघन है. विदेश मंत्रालय के स्पष्टीकरण के लिए आभारी रहूंगी."
महाराष्ट्र चुनावों के नतीजों के बाद यह सवाल बड़ा है कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? देवेंद्र फडणवीस की भाजपा ने शानदार जीत हासिल की है. सवाल यह है कि क्या वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वापस आएंगे या कोई अन्य चेहरे को मौका मिलेगा? लेकिन इन सब सवालों के बीच एक सवाल ये भी कि क्या अब M फैक्टर मतलब मुस्लिम नहीं महिला? देखें
सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन ने महाराष्ट्र चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नतीजों से यह मुद्दा सुलझ गया है कि असली शिवसेना कौन सी है. इस चुनाव में बड़ी हार के बाद अब 64 वर्षीय उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के सामने अपनी पार्टी और कार्यकर्ताओं एकजुट रखने की चुनौती होगी.
मालेगांव सेंट्रल सीट से एआईएमआईएम के मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल ने जीत तो हासिल की लेकिन वो भी बेहद कम मार्जिन से. मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल को 109653 वोट मिले. वहीं, उनके जीत का मार्जिन केवल 162 वोट का रहा. उन्होंने महाराष्ट्र की इंडियन सेक्युलर लार्जेस्ट असेंबली पार्टी ऑफ़ महाराष्ट्र से उम्मीदवार आसिफ शेख रशीद को हराया. उन्हें 109491 वोट मिले.
'साहित्य आजतक 2024' के मंच पर शनिवार को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशेष रूप से आमंत्रित थीं. मौका था 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' के 2024 के समारोह का. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने अलग-अलग 8 कैटेगरी में सम्मान दिए और लेखक गुलज़ार को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया. देखें इस दौरान महामहीम का भाषण.
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम मोदी नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है. कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया. हमारी सरकार ने मराठी को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया. मातृभाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है.
भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.