हनुमान चालीसा विवादः क्या नवनीत राणा बीजेपी और शिवसेना के लिए राजनीतिक मोहरा हैं?
BBC
सांसद नवनीत राणा की गिरफ़्तारी पर बीजेपी नेता और शिवसेना आमने सामने हैं. क्या हासिल करना चाहती हैं दोनों पार्टियाँ इस संघर्ष से?
मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने बीते मंगलवार नवनीत राणा और रवि राणा की ज़मानत याचिका पर मुंबई पुलिस को 29 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. अमरावती से सांसद नवनीत राणा और बडनेरा से विधायक उनके पति रवि राणा ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने का एलान किया था.
इसके बाद मुंबई पुलिस ने बीती 23 अप्रैल को नवनीत राणा एवं रवि राणा को गिरफ़्तार किया. और इन दोनों राजनेताओं के ख़िलाफ़ देशद्रोह की धारा 124 A और 153A समेत कुछ अन्य धाराओं के साथ केस दर्ज किया गया है.
इसके बाद से महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच एक गंभीर राजनीतिक टकराव शुरू हो चुका है. महाराष्ट्र में दोनों पक्षों के नेताओं की ओर से आक्रामक बयानबाज़ी का सिलसिला जारी है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा है कि 'अगर आपको हनुमान चालीसा पढ़नी है तो घर में पढ़ें. क्या आपके पास घर नहीं हैं?...कई लोग माहौल ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं.'