
स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट से हटे नामों पर छिड़ी बहस, क्या है पूरा मामला?
BBC
स्वतंत्रता सेनानियों का नाम हटाए जाने का पूरा विवाद क्या है और इस पर इतिहासकारों और जानकारों की क्या राय है.
भारत के दक्षिणी राज्य केरल में स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से 387 नाम हटने के बाद से राज्य में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. इस विवाद से एकबार फिर ध्रुवीकरण का मुद्दा उठ गया है. यह मुद्दा टीपू सुल्तान को लेकर अलग-अलग मत रखने वाले इतिहासकारों के विचार की ही तरह है. जहां कुछ इतिहास मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान को धुर हिंदू विरोधी मानते हैं और कुछ हिंदू मंदिरों का निर्माता बताते हैं. हालांकि केरल में टीपू सुल्तान के नाम की जगह मप्पिला नेता वरियामकुनाथ कुंजाहमद हाजी के नाम को लेकर दो बिल्कुल ही अलग मत रखने वाले लोग हैं. वरियामकुनाथ कुंजाहमद हाजी को भगत सिंह की ही तरह सम्मान दिया जाता है क्योंकि उन्होंने मक्का में निर्वासित जीवन जीने के बजाय अंग्रेज़ों के हाथों मरने को प्राथमिकता दी थी. हाजी और उनके सबसे क़रीबी सहयोगी अली मुसलियार का मालाबार क्षेत्र में, ख़ासतौर पर केरल में काफ़ी सम्मान है क्योंकि उन्होंने साल 1921 में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ मालाबार विद्रोह में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था. लेकिन भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) की तीन सदस्यीय समिति ने हाजी, मुसलियार और उनके 387 सहयोगियों के नाम डिक्शनरी ऑफ़ मार्टियर ऑफ़ इंडियाज़ फ़्रीडम स्ट्रगल 2015 से हटाने की सिफ़ारिश की है. इस सिफ़ारिश का आधार यह है कि समिति मानती है कि मप्पिला विद्रोह स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा नहीं था.More Related News