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स्पुतनिक V: भारत के कोविड-19 टीकों के बारे में हम क्या जानते हैं
BBC
देश की ड्रग नियामक संस्था ने माना है कि रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V सुरक्षित है
कोरोना संक्रमण की दूसरी घातक लहर के दौरान भारत में कोरोना वायरस की तीसरी वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंज़ूरी दे दी गई है. इसके कुछ ही घंटे पहले एक्सपर्ट पैनल ने कोरोना के आपातकालीन मामलों में इस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंज़ूर करने की सिफ़ारिश की थी. देश की ड्रग नियामक संस्था ने माना है कि रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक V सुरक्षित है. यह वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की तरह ही काम करता है. साइंस जर्नल 'द लैंसेंट' में प्रकाशित आख़िरी चरण के ट्रायल के नतीजों के अनुसार स्पुतनिक V कोविड-19 के ख़िलाफ़ क़रीब 92 फ़ीसद मामलों में सुरक्षा देता है. इस वैक्सीन की मंज़ूरी के साथ अब कोविड-19 से बचने की तीन वैक्सीन हो गई हैं. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया और ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका के सहयोग से बनी कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक V. देश में अब तक पहले से स्वीकृत दोनों टीकों की 10 करोड़ ख़ुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं. देश में तीसरे टीके के रूप में स्पुतनिक V को उस दिन मंजूरी मिली जब कुल कोरोना संक्रमण के मामले में भारत अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुँच गया. अब तक देश में 1.35 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. अमेरिका में अब तक 3.1 करोड़ लोग इससे संक्रमित हुए हैं. तीसरे नंबर पर ब्राज़ील है जहां इसके अबतक 1.34 करोड़ मरीज़ सामने आए हैं. केंद्र सरकार के अनुसार जुलाई अंत तक देश की 'प्राथमिकता सूची' के 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण करना है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि देश में टीकाकरण की गति अपेक्षा से धीमी है. ऐसे में यह लक्ष्य तभी हासिल हो सकता है जब यह मुहिम और तेज़ हो. पिछले कई दिनों से देश के कई राज्य वैक्सीन की कमी की शिकायत कर रहे हैं. वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण के कई केंद्रों को बंद भी करना पड़ा है.More Related News