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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से जुड़े 6 मिथक और पूरा सच
NDTV India
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से दिमाग में एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है, जो कि आपको ऊर्जावान रखने के साथ दिमाग को भी शांत रखता है और इसके साथ ही इस ट्रेनिंग से तनाव से भी छुटकारा मिलता है. लेकिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां है जिसकी वजह से वे इससे दूर भागते हैं.
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ऐसी एक्सरसाइज है जिसे नियमानुसार करना जरूरी होता है. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में वजन, इलास्टिक बैंड्स या शरीर के वजन से ही कसरत की जाती है. मांसपेशियों की ताकत, आकार और शक्ति को बढ़ाने का यह बेहतरीन तरीका है. इससे आपके लचीलेपन और गति की सीमा में भी सुधार आता है. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मांसपेशियों की सहनशीलता और ताकत बढ़ती है जिससे महिलाओं और पुरुषों दोनों को फायदा होता है. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की मदद से पेट सहित पूरे शरीर के फैट को कम कर मसल्स को मजबूत बनाया जा सकता है. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि इसका इस्तेमाल वजन बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से दिमाग में एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है, जो कि आपको ऊर्जावान रखने के साथ दिमाग को भी शांत रखता है और इसके साथ ही इस ट्रेनिंग से तनाव से भी छुटकारा मिलता है. लेकिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां है जिसकी वजह से वे इससे दूर भागते हैं.More Related News