स्टेन स्वामी के निधन पर राजनीतिक दलों-कार्यकर्ताओं में ग़ुस्सा, विपक्ष ने कहा- निर्दयी सरकार ने की हत्या
The Wire
विपक्ष ने 84 वर्षीय आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी के गुज़रने को 'हिरासत में हत्या' बताते हुए कहा है कि वे इस मामले को संसद में उठाएंगे और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे. वाम दलों ने स्वामी की मौत के लिए जवाबदेही तय करने की मांग की है.
नई दिल्ली: आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की मौत को लेकर उनके करीबियों के अलावा कई राजनीतिक दलों ने भी गहरी नाराजगी जताई है और उनकी मौत के लिए केंद्र सरकार एवं जांच एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया है. Shocked to learn about the demise of Father Stan Swamy. He dedicated his life working for tribal rights. I had strongly opposed his arrest & incarceration. The Union Govt should be answerable for absolute apathy & non provision of timely medical services, leading to his death. Who in the apparatus of the Indian state will be held responsible for this tragedy? Make no mistake — it is the Indian state that killed Fr. Stan Swamy, who was such a passionate crusader for social justice. https://t.co/gAbZL2Y8aI Stan Swami (84) who suffered from Parkinson’s was arrested by the BJP government as Anti-national. His health conditions were never considered. He slipped into coma and passed away. Deeply pained & outraged at the death of Father Stan Swamy. A jesuit priest & social activist he tirelessly helped the marginalised.Draconian UAPA custody, inhuman treatment since October 2020 with no charge established.Accountability must be fixed for this murder in custody. pic.twitter.com/iQ8XrfRb9n पिछले साल आठ अक्टूबर को एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किए गए स्टेन स्वामी की बीते सोमवार को मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में निधन हो गया. उन्हें तलोजा जेल में कोरोना संक्रमण हुआ था और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलने के चलते उनकी स्थिति बदतर होती जा रही थी. — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 5, 2021 — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 5, 2021 போராளிகள் விதைக்கப்படுகிறார்கள் புதைக்கப்படுவதில்லை.#StanSwamy pic.twitter.com/a8Ko8tfks5 — Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 5, 2021 वे पहले से ही पार्किंसन की बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें खुद से गिलास उठाने, पानी पीने तक में बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ रहा था. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें बचाया जा न सका. — Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) July 5, 2021 मुंबई के उपनगरीय इलाके बांद्रा स्थित होली फैमिली अस्पताल के निदेशक डॉ. इयान डिसूजा ने उच्च न्यायालय की जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की पीठ को बताया कि 84 वर्षीय स्वामी की बीते सोमवार दोपहर डेढ़ बजे मृत्यु हो गई.More Related News