स्टिंगर मिसाइलः अमेरिका के इस मारक हथियार ने जब अफ़ग़ानिस्तान में रूसी सेना को तबाह किया
BBC
स्टिंगर मिसाइल के बारे में कई तरह की अफ़वाहें और कॉन्स्पिरेसी थ्योरी फैली थीं. लेकिन इसकी सच्चाई क्या है?
गफ़्फ़ार ने अपनी तीन हमलावर टीमों को एक-दूसरे से कुछ दूरी पर त्रिकोणीय क्रम में रखा था. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें यही सिखाया गया था. वे लंबे समय से घात लगाकर इंतज़ार कर रहे थे. कुछ ही देर में जब उन्होंने कुछ रूसी, एमआई-24 हेलीकॉप्टरों को हवा में आते देखा तो उन्हें उनके सब्र का फल मिल गया. गफ़्फ़ार की टीम के सदस्यों में से एक ने हेलीकॉप्टर पर निशाना लगा कर ट्रिगर दबा दिया, लेकिन उस समय उनके होश उड़ गए, जब मिसाइल हेलीकॉप्टर से टकराने के बजाय सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर ही ज़मीन पर जा गिरी. मुजाहिदीन को प्रशिक्षित करने वाले पाकिस्तान के सेवानिवृत्त कर्नल महमूद अहमद ग़ाज़ी के अनुसार, ऑपरेशन विफल रहा, लेकिन इस मिसाइल की गूंज केवल अफ़ग़ानिस्तान के सैन्य ठिकानों में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सुनी गई. अफ़ग़ानिस्तान के युद्ध ग्रस्त क्षेत्र के अंदर सोवियत वायु सेना के खिलाफ स्टिंगर मिसाइल का यह पहला उपयोग था. इसके बाद जलालाबाद और काबुल के क्षेत्रों में रूसी और अफ़ग़ान हवाई यातायात को निलंबित कर दिया गया था. अमेरिका निर्मित स्टिंगर मिसाइलों को संचालित करने और संभालने के लिए पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी, आईएसआई ने सबसे पहले दो सैन्य कमांडरों को प्रशिक्षित किया था. नंगरहार के रहने वाले एक सैन्य कमांडर गफ़्फ़ार और दूसरे काबुल के रहने वाले कमांडर दरवेश, ये दोनों गुलबुद्दीन हिकमतयार के हिज्ब-ए-इस्लामी समूह से जुड़े हुए थे.More Related News