
स्टरलाइट के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली चलाना लोकतंत्र पर धब्बा है: मद्रास हाईकोर्ट
The Wire
22 मई 2018 को तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर प्लांट के ख़िलाफ़ जारी प्रदर्शन हिंसक हो गया था. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी थी, जिसमें लगभग 13 लोगों की मौत हो गई थी. प्रदर्शनकारी प्लांट पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाकर इसे बंद करने की मांग कर रहे थे. मद्रास हाईकोर्ट ने सभी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ दर्ज केस वापस लेने का आदेश भी दिया है.
नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट ने बीते सोमवार को संबंधित अधिकारियों को 2018 में स्टरलाइट विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया. इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे. तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को प्रदूषण की चिंताओं को लेकर संयंत्र को 2018 में बंद कर दिया गया था. मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और जस्टिस टीएस शिवगनानम ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि घटना के दौरान निर्दोष जनता पर गोली चलाना भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा था और इसे नहीं भूलना चाहिए. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश बनर्जी ने कहा, ‘घटना साल 2018 की है. यह जनता के दिमाग से निकल गया है, लेकिन पंद्रह या सोलह नागरिक ऐसे थे, जिन्होंने अपनी जान गंवाई. इस तरह की घटना हमारे लोकतंत्र के चेहरे पर एक धब्बा है. हमें कभी नहीं भूलना चाहिए.’More Related News