
सोमवार को ही क्यों की जाती है शिवजी की आराधना, भोलेनाथ की पूजा से जुड़े जरूरी नियम भी जानें
Zee News
क्या आपके मन में भी कभी ये सवाल आता है कि आखिर सोमवार का दिन ही भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित क्यों है? इसके पीछे पौराणिक कथाएं क्या हैं और धर्म शास्त्र क्या कहता है, यहां जानें. साथ ही शिवजी की पूजा से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में भी पढ़ें.
नई दिल्ली: भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं और इसलिए हिंदू धर्म में भगवान शिव () को विशेष स्थान हासिल है. यह तो हम सभी जानते हैं कि सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी ईश्वर की पूजा, भक्ति और व्रत के लिए समर्पित होते हैं. ऐसे में सोमवार का दिन (Monday) भगवान शिव का दिन माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन अगर सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा की जाए तो हर मनोकामना पूरी होती है. लेकिन आखिर सोमवार के दिन को ही भगवान शिव की पूजा के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है? यहां जानें उसका कारण और शिवजी की पूजा के दौरान किन जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए. - सोमवार के दिन बहुत से लोग शिवजी की पूजा करने के साथ ही व्रत भी रखते हैं. सोमवार के दिन रखे जाने वाले व्रत को सोमेश्वर व्रत (Someshwar Vrat) के नाम से भी जाना जाता है. सोमेश्वर का अर्थ है सोम के ईश्वर. सोम यानी चंद्रमा (Moon) के ईश्वर जो भगवान शिव हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र देव ने सोमवार के दिन ही भगवान शिव की आराधना की थी जिससे उन्हें क्षय रोग से मुक्ति मिली और वे निरोगी हो गए. इसलिए सोमवार के दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.More Related News