सोमनाथ मंदिर को दिए गए डोनेशन पर मिलेगी टैक्स राहत, गुजरात चुनाव की वजह से फैसला?
AajTak
केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि सोमनाथ मंदिर को दिए जाने वाले दान को टैक्स में छूट दी जाएगी. गुजरात चुनाव को देखते हुए सरकार के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है.
इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. दोनों बीजेपी और कांग्रेस अभी से जमीन पर तैयारी करने में लग गई हैं. आम आदमी पार्टी की तरफ से भी टक्कर देने की कोशिश हो रही हैं. इस बीच केंद्र सरकार ने सोमनाथ मंदिर को लेकर एक फैसला लिया है, जिसका असर चुनावी मौसम में जमीन पर पड़ सकता है.
सरकार ने ऐलान किया है कि अब से सोमनाथ मंदिर को दी जाने वाली डोनेशन पर टैक्स में छूट दी जाएगी. लेकिन आदेश में ये भी साफ कर दिया गया है कि जो डोनेशन कैश के माध्यम से सोमनाथ ट्रस्ट को मिलेगा, उसी पर टैक्ट छूट रहने वाली है. वहीं दान पर दिए गए व्यय पर कोई भी छूट नहीं दी जाएगी. वैसे यहां पर ये भी जानना जरूरी हो जाता है कि सिर्फ 2000 रुपये ही कैश के माध्यम से दिए जा सकते हैं. अगर दान इससे ज्यादा रुपयों का है तो वो सिर्फ चेक के जरिए ही लिया जाएगा.
वैसे सरकार द्वारा ये राहत क्योंकि सेक्शन 80G के सब सेक्शन 2 के तहत दी जा रही है, ऐसे में ट्रस्ट को दान करने वालों को 50% की सीमा तक टैक्ट छूट ही मिलने वाली है. यहां ये जानना भी जरूरी हो जाता है कि ये फैसला तब लिया गया है, जब इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्री सोमनाथ ट्रस्ट का चेयरमेन घोषित कर दिया गया है. वे ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पीएम रहते ये कार्यभार संभाला है. उनसे पहले मोरारजी देसाई के पास भी ये जिम्मेदारी थी.
इससे पहले जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था, तब केंद्र सरकार द्वारा उन लोगों को टैक्स में छूट दी गई थी जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए डोनेशन दिया था. इसके अलावा 2017 में भी सरकार ने अरुलमिगु कपालेश्वर मंदिर, श्री श्रीनिवास पेरुमल मंदिर, रामदास स्वामी मठ के लिए भी यही फैसला किया था. उसी परंपरा को बरकरार रखते हुए केंद्र ने अब सोमनाथ ट्रस्ट के लिए ये फैसला लिया है.
वैसे सरकार जरूर टैक्स में छूट देकर मंदिरों को खुश करने का काम कर रही है, लेकिन साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि सेक्शन 80G के तहत मंदिरों को दी जाने वाली डोनेशन चैरिटी नहीं मानी जा सकती है, क्योंकि इसे धार्मिक प्रवृत्ति माना जाता है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.