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सैम मानेक शॉ ने जब पाकिस्तानी राजदूत को गले लगाया
BBC
3 अप्रैल 1914 को अमृतसर में जन्में सैम मानेक शॉ को सिख अपना ही मानते थे. गोरखा और भारतीय सेना के जवान उन्हें प्यार से 'सैम बहादुर' कहते थे.
फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ पारसी थे. पारसियों के लिए वो हमेशा 'आपरो सैम' रहे. गोरखा और भारतीय सेना के जवान उन्हें हमेशा प्यार से 'सैम बहादुर' कहते थे. सिख भी उन्हें अपना मानते क्योंकि उनका जन्म अमृतसर में हुआ था था. तमिल लोगों को वो इसलिए प्रिय थे क्योंकि रियाटरमेंट के बाद उन्होंने नीलगिरीज़ को अपना घर बनाया था. 4/ 12 FFR टुकड़ी के लिए जहाँ से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी, वो हमेशा 'जंगी लाट' रहे. वो न सिर्फ़ भारतीय सेना के जवानों के सबसे प्रिय जनरल थे बल्कि आम लोगों के दिल में उनके लिए जो प्यार है, कम लोगों के लिए ही होती है. वो उन चुनिंदा लोगों में से थे जो अपने जीवनकाल में ही लीजेंड बन गए थे.More Related News